सत्यखबर, जींद
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने जीन्द के किसान दलबीर सिंह की पैरवी की। दलबीर सिंह को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। दलबीर सिंह 29 मई से जेल में बंद था। इस छोटे से किसान की रणदीप सुरजेवाला ने पहले जीन्द कोर्ट में पैरवी की। यहां जमानत नहीं मिली तो फिर चंडीगढ़ तक जाकर हाईकोर्ट से जमानत दिलाई।
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर गांव बीबीपुर निवासी किसान दलबीर सिंह की एक वीडियो वायरल हुई जिसमें तीनों कृषि कानूनों व अन्य मुद्दों को लेकर दलबीर सिंह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को गाली देते दिखाई दिए। वायरल हुई इस वीडियो के आधार पर जीन्द पुलिस ने दलबीर सिंह के खिलाफ राजद्रोह, समूह के लिए खतरा बनने, अपमानित करने, मानहानि तथा बुरा अंजाम भुगतने की धमकी देने का मामला दर्ज किया। इससे पहले दलबीर पर 22 फरवरी 2017 को जाट आरक्षण के दौरान गांव ईक्कस धरने पर भड़काऊ भाषण देने तथा पीएम को गाली देने का मामला दर्ज है। पुलिस ने इन दोनों मामलों में दलबीर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था जहां से उसे न्यायिक हिरासत भेज दिया गया था। 29 मई से दलबीर सिंह जेल में बंद था।
गत 9 जून को रणदीप सुरजेवाला जीन्द आए थे और उन्होंने एडीजे गुरविंदर कौर की अदालत में बतौर वकील पेश हो किसान दलबीर सिंह की पैरवी की। उन्होंने इस मुद्दे पर दायर जमानत याचिका पर सरकारी वकीलों से काफी देर बहस की और दलबीर सिंह को निर्दोष बताते हुए सरकार की अन्यायपूर्ण कार्रवाई पर बतौर वकील दलबीर सिंह का पक्ष रखा। उस समय अदालत में दोनों मामलों में दलबीर सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
बाद में रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि वे हाईकोर्ट तक जाकर इस किसान की जमानत करवाएंगे उसके बाद रणदीप सुरजेवाला ने हाईकोर्ट तक जाकर इस किसान की जमानत करवाई।
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2002 में भी एक किसान नेता की पैरवी करने पहुंचे थे सुरजेवाला
जीन्द पिछले 20 साल में यह दूसरा मौका है जब कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक वकील के तौर पर किसान नेता की पैरवी की। वर्ष 2002 में ओमप्रकाश चौटाला के शासन में बिजली बिलों की माफी व अन्य मुद्दों को लेकर किसान आंदोलन शुरू हुआ था। उस समय अम्बाला जिले के शहजादपुर चीनी मिल के समक्ष किसानों के प्रदर्शन के दौरान जींद जिले के किसान नेता घासीराम नैन को 25 नवंबर 2002 को राजद्रोह के आरोप गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उस समय किसान नेता नैन की रणदीप सुरजेवाला ने पैरवी की थी। सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक मामले की 13 महीने चली सुनवाई में रणदीप सुरजेवाला ने बतौर वकील भूमिका निभाई थी। उस समय 25 दिसंबर 2003 को किसान नेता घासीराम नैन को जमानत मिली थी।
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