गुरुग्राम में वाटिका बिल्डर के खिलाफ 14 वर्ष बाद एक महिला की शिकायत पर फिर 420 की FIR दर्ज।
सत्य खबर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
गुरुग्राम में देश की दिग्गज रियल स्टेट की कंपनी वाटिका बिल्डर पर एक महिला की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला पुलिस में दर्ज हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार
सेक्टर-82ए के वाटिका इंडिया नेक्स्ट प्रॉजेक्ट में 2009 में दिल्ली की एक महिला ने 2 प्लॉट बुक किए थे। जिसमें बिल्डर ने 3 साल में आवेदक को पोजीशन देना था, लेकिन करीब 14 साल बाद भी महिला को प्लॉट का पोजीशन नहीं मिला । वही महिला ने बिल्डर पर आरोप लगाया कि उनके पास इस जमीन का मालिकाना हक ही नहीं है और न ही डीटीपी से नक्शा पास है। एसीपी मानेसर की जांच के बाद खेड़कीदौला थाने में कंपनी के खिलाफ
एफआईआर दर्ज की गई है। दिल्ली निवासी गौरी नामक महिला ने शिकायत पुलिस को दी। महिला ने दी शिकायत में बताया कि उसने 360 गज के दो प्लॉट सेक्टर-82ए की वाटिका इंडिया नेक्स्ट प्रॉजेक्ट में दो जुलाई 2009 को बुक किए थे। वाटिका बिल्डर कंपनी की ओर से ये प्रॉजेक्ट लॉन्च किया था और 3 साल में पॅजेशन देने का वादा किया था। अलॉटमेंट लेटर व बिल्डर बायर एग्रीमेंट देकर 60
प्रतिशत पेमेंट भी दे दी गई थी। महिला का आरोप है कि बिल्डर के पास ये जमीन ही नहीं है। शिकोहपुर गांव के खसरा नंबर 86 में ये प्लॉट दिए और कहा कि 2008 में डीटीपी से लाइसेंस ले लिया गया है, लेकिन इस लाइसेंस में ये जमीन शामिल नहीं थी। आरोप है कि डिवेलपमेंट पेमेंट लिंक डिमांड के तहत 2009 से 2013 तक बिल्डर ने 60 प्रतिशत पेमेंट ले ली, जबकि बिल्डर को ये पता था कि उनके पास इस जमीन का लाइसेंस ही नहीं हैं। फिर भी डीटीपी से लाइसेंस भी नहीं लिया और फिर भी प्लॉट बेंच दिए।
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वहीं दिसंबर 2020 में बिल्डर की ओर से रिफंड या रिलोकेशन के लिए ईमेल भेजी गई। इस के बाद जुलाई 2021 में अलॉटमेंट कैंसल का नोटिस भेज दिया। जिससे उन्हें बिल्डर की धोखाधड़ी का पता चला । जिसकी शिकायत पुलिस में करने पर जांच के बाद मामला दर्ज किया गया।
बता दे कि इससे पहले भी एक पीड़ित की शिकायत पर वाटिका बिल्डर के निदेशकों पर मामला दर्ज हुआ था।