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Air Marshal Ashutosh Dixit का बड़ा खुलासा! ऑपरेशन सिंदूर में कौन सी तकनीक बनी सबसे बड़ा हथियार

Air Marshal Ashutosh Dixit ने बुधवार को सर्विलांस और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक सिस्टम्स की रणनीतिक भूमिका पर बात की। उन्होंने बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर में नई तकनीकों और आधुनिक हथियारों ने जीत सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि जो पहले देखता है जो दूर तक देखता है और जो सबसे सटीक देखता है वही युद्ध में विजयी होता है।

आधुनिक युद्ध में बदलते नियम

उन्होंने बताया कि आज के युद्धों में फ्रंट लाइन जैसी बातें अब उतनी मायने नहीं रखतीं। अब जब ब्रह्मोस और स्कैल्प जैसे हथियार सैकड़ों किलोमीटर दूर से लक्ष्य पर सटीक हमला कर सकते हैं तो आगे कौन है पीछे कौन है यह मायने नहीं रखता। इसने युद्ध के पारंपरिक नियमों को ही बदल डाला है।

स्पेस आधारित निगरानी की बढ़ती ताकत

एयर मार्शल दीक्षित ने अंतरिक्ष में निगरानी प्रणाली की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि अगले साल भारत 52 नए सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है जिनमें से 31 निजी कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे हैं। यह दिखाता है कि भारत अब अंतरिक्ष युद्ध की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि

22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला हुआ जिसमें आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को मार डाला। 26 लोगों की जान चली गई। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देने के लिए सिंधु जल संधि निलंबित कर दी और 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया।

सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान को करारा जवाब

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। पाकिस्तान ने जवाब देने की नाकाम कोशिश की लेकिन भारत ने पूरी ताकत से उसका जवाब दिया। अंततः 10 मई को दोनों देशों के बीच संघर्षविराम हुआ जिससे यह साबित हो गया कि भारत अब किसी भी हमले का जवाब तुरंत और सटीक देता है।

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