Supreme Court: डिवाइस का क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से मांगा सीधा जवाब, टालमटोल पर नाराजगी

Supreme Court में अशोक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की याचिका पर सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि महमूदाबाद को दी गई अंतरिम जमानत जारी रहेगी। यह मामला हरियाणा पुलिस के खिलाफ दायर याचिका से जुड़ा है जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट के चलते एफआईआर दर्ज हुई थी।
एसआईटी की जांच पर सुप्रीम कोर्ट की नजर
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। हरियाणा सरकार की तरफ से पेश वकील ने बताया कि केस में एसआईटी बनाई गई है और जांच चल रही है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद सबसे पहले रिकॉर्ड हमारे सामने रखें।
कपिल सिब्बल की आपत्ति और आशंका
महमूदाबाद की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जांच एजेंसी इस मौके का फायदा उठा सकती है। सिब्बल को आशंका है कि इस मामले के साथ अन्य मुद्दों की भी जांच शुरू हो सकती है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एसआईटी की जांच केवल दो एफआईआर तक सीमित रहेगी।
सोशल मीडिया पर रोक की शर्तों पर बहस
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश की जाएगी और अगला आदेश आने तक अंतरिम सुरक्षा जारी रहेगी। इसके बाद कपिल सिब्बल ने कोर्ट से आग्रह किया कि सोशल मीडिया पर पोस्टिंग पर लगी रोक जैसी शर्तों पर पुनर्विचार किया जाए। कोर्ट ने जवाब दिया कि इसका मतलब बस इतना है कि याचिकाकर्ता शांत रहें।
मानवाधिकार आयोग की चिंता पर कोर्ट का सवाल
सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल कुछ नहीं करेंगे और अदालत को उनसे यह भरोसा ले लेना चाहिए क्योंकि वे परिपक्व लोग हैं और विश्वविद्यालयों में पढ़ाते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम सब पर करीबी नजर रखे हुए हैं। हरियाणा सरकार की तरफ से बताया गया कि महमूदाबाद 14 देशों की यात्रा कर चुके हैं। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि क्या आपने मानवाधिकार आयोग को जवाब दिया है क्योंकि आयोग ने एफआईआर दर्ज करने के तरीके पर संज्ञान लिया है।