Anokha Fesla: पिता को कर्ज से बचाने के लिए बेटी लिया अनोखा फैसला, बारात लेकर पहुंची दूल्हे के घर
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। आज हम आपको बिहार की ऐसी साहसी बेटी की कहानी बताने जा रहे हैं जो आपके दिल को छू जाएगी। बेटी ने पिता को कर्ज से बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया।

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। आज हम आपको बिहार की ऐसी साहसी बेटी की कहानी बताने जा रहे हैं जो आपके दिल को छू जाएगी। बेटी ने पिता को कर्ज से बचाने के लिए बड़ा फैसला लिया। बगहा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड-31 के लालबाबू राउत और शीला देवी के बेटी पल्लवी कुमारी बारात लेकर दूल्हे के घर पहुंच गई।
उसने इसके लिए अपने माता-पिता और पति के घरवालों को मनाया। पल्लवरी परिजनों और बारातियों के साथ ढाका के लिए रवाना हो गई। पल्लवी के इस साहस की लोग खूब प्रशंसा कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक इंटर पास पल्लवी की शादी पूर्वी चंपारण के ढाका के सुरेश कुमार से तय हुई। शुक्रवार को उसकी शादी हुई। उसके चंपारण के ढाका के सुरेश कुमार से तय हुई। उसके पिता लड़का ढूंढने और शादी तय करने में ही कर्ज डूब गए। अब शादी की तैयारी के लिए भी वे कर्ज का सहारा ले रहे थे। यह से पल्लवी से नहीं देखा गया। उसने अपने होने वाले पति सुरेश को फन कर कहा कि मेरे पिता कर्ज लेकर बारातियों के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।
पिता को ककर्ज में डूबाकर हम लोग सुखी जीवन कैसे जी सकते हैं। बारातियों को लाने में वाहनों, साज-सज्जा, बैंड आदि में आप लोगों का बहुत खर्च होगा। मैं अपने परिजनों संग बारातियो को लेकर ढाका चली आती हूं। इससे दोनों तरफ का खर्च बचेगा। पति व ससुराल के लोगों को पल्लवी का यह तर्क पसंद आया।
टीचर सुनील कुमार ने बताया कि दुल्हन के घर बारात आने की परंपरा है लेकिन पल्लवी ने दिखावे से परे हटकर ससुराल के साथ मायके को भी बड़े खर्च से बचा लिया। यह उसकी सूझबूझ का परिचय है। पार्षद तबस्सुम जहां ने बताया कि पल्लवी का यह कदम महिलाओं की सबलता को दर्शा रहा है। उसने हौसले का काम किया है। फोन पर सुरेश ने बताया कि होनेवाली जीवनसाथी ने शादी से पूर्व ही हमसबों को जीत लिया।