Arvind Kejriwal ने दिल्ली में ‘पुजारी-ग्रंथि सम्मान योजना’ की शुरुआत की, मंदिर जाकर खुद किया पंजीकरण
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक Arvind Kejriwal ने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल के साथ कश्मीरी गेट स्थित मर्गट वाले बाबा मंदिर में ‘पुजारी-ग्रंथि सम्मान योजना’ की शुरुआत की। इस योजना के तहत दिल्ली के मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह की राशि देने की घोषणा की गई है।
केजरीवाल ने ट्वीट कर दी जानकारी
अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर इस बारे में जानकारी देते हुए लिखा, “आज मैंने मर्गट वाले बाबा मंदिर (आईएसबीटी) में पुजारी-ग्रंथि सम्मान योजना की शुरुआत की। आज महंत जी का जन्मदिन है, और हमने उनका जन्मदिन भी मनाया। बीजेपी ने आज पंजीकरण को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई भी भक्त को भगवान से मिलने से रोक नहीं सकता।”
बीजेपी ने किया हमला
इस दौरान बीजेपी की सांसद बंसुरी स्वराज ने केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि चुनावी नारों के बारे में हमने बहुत सुना है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने चुनावी धोखाधड़ी की नई हवा दी है। स्वराज ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने पिछले 17 महीनों से इमामों और मौलवियों को वेतन नहीं दिया। वह इमामों और मौलवियों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सके, और अब पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन देने की योजना शुरू की है, जो केवल एक नया प्रकार की तुष्टीकरण राजनीति है।
पुजारियों का समर्थन और आशीर्वाद
अरविंद केजरीवाल ने आगे बताया कि पुजारी-ग्रंथि सम्मान योजना की घोषणा के बाद उनके पास देशभर से कॉल्स और संदेश आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “देशभर के धार्मिक लोग इस योजना को लेकर बहुत खुश हैं। दिल्ली के कई पुजारी और ग्रंथि मुझसे मिलने आए और उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया।”
#WATCH | Delhi: BJP MP Bansuri Swaraj says, "We heard a lot about election slogans but Arvind Kejriwal has brought a new wind of election gimmicks… Kejriwal's government has not paid salaries to Imams and Maulvis for 17 months… He did not solve the problems of Imams and… pic.twitter.com/vm3Lf4xQTJ
— ANI (@ANI) December 31, 2024
बीजेपी ने फिर से किया हमला
बीजेपी ने केजरीवाल पर फिर से हमला करते हुए उन्हें “चुनावी हिंदू” करार दिया। दिल्ली बीजेपी ने कहा, “जो इमामों को 10 साल से वेतन दे रहे थे, वह अब पुजारियों और ग्रंथियों के लिए क्यों याद आए? वह खुद और उनकी दादी श्रीराम के मंदिर के निर्माण को लेकर खुश नहीं थे, उन्होंने मंदिरों और गुरुद्वारों के बाहर शराब की दुकानें खोलीं। अब चुनावी समीकरणों के चलते वे पुजारियों और ग्रंथियों को याद कर रहे हैं।”
पुजारियों और ग्रंथियों को मिलेगा 18,000 रुपये प्रति माह
अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ऐलान किया कि अगर आम आदमी पार्टी दिल्ली में सत्ता में वापस आती है तो दिल्ली के मंदिरों में कार्यरत सभी पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। यह योजना आम आदमी पार्टी का पांचवां चुनावी वादा है। इससे पहले पार्टी ने महिलाओं, दलितों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की थी। इसके अलावा पार्टी ने 24 घंटे जल आपूर्ति की भी घोषणा की थी।
आम आदमी पार्टी का चुनावी वादा
पुजारी-ग्रंथि सम्मान योजना आम आदमी पार्टी के चुनावी वादों का हिस्सा है, जिसे दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर लॉन्च किया गया है। इस योजना का उद्देश्य धार्मिक स्थलों के पुजारियों और ग्रंथियों के योगदान को मान्यता देना और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है। केजरीवाल ने कहा कि यह योजना दिल्ली के धार्मिक कार्यों में लगे लोगों के लिए सरकार की तरफ से एक अहम कदम है।
आज पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना के ऐलान के बाद देश भर से फ़ोन और मेसेज आ रहे हैं। सभी धार्मिक लोग बहुत खुश हैं। दिल्ली के कई पुजारी और ग्रंथी मुझसे मिलने आए और उन्होंने आशीर्वाद दिया। pic.twitter.com/RmkMmWZP08
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 30, 2024
धार्मिक नेताओं के लिए सम्मान और योगदान
पुजारियों और ग्रंथियों को सम्मानित करने की इस योजना को लेकर धार्मिक समुदाय में खुशी की लहर है। पुजारी-ग्रंथि सम्मान योजना के तहत पुजारियों और ग्रंथियों को मिलने वाली मासिक राशि उनके जीवन स्तर को सुधारने और उनके सामाजिक सम्मान को बढ़ाने का काम करेगी। यह कदम दिल्ली सरकार की तरफ से धार्मिक समुदाय के लिए एक सकारात्मक संकेत है और सरकार के सामाजिक समर्पण को दर्शाता है।
दिल्ली के धार्मिक वातावरण में बदलाव
अरविंद केजरीवाल ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि दिल्ली में धार्मिक स्थल समाज के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का अहम हिस्सा हैं। सरकार का प्रयास है कि धार्मिक समुदाय के योगदान को मान्यता मिले और उनके आर्थिक हालत को बेहतर बनाया जाए। यह योजना दिल्ली के धार्मिक वातावरण में एक नया बदलाव लाएगी और पुजारियों, ग्रंथियों और धार्मिक नेताओं को सम्मान प्रदान करेगी।
विरोधी पार्टियों की आलोचना
हालांकि, बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने इस योजना पर आलोचना करते हुए इसे चुनावी राजनीति का हिस्सा करार दिया है। उनका कहना है कि केजरीवाल ने इस योजना को केवल आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए लॉन्च किया है। उनका आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने पिछले 17 महीनों से इमामों और मौलवियों को वेतन नहीं दिया और अब चुनाव के दौरान वह पुजारियों और ग्रंथियों को वेतन देने का वादा कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल द्वारा शुरू की गई पुजारी-ग्रंथि सम्मान योजना दिल्ली में धार्मिक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल पुजारियों और ग्रंथियों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि दिल्ली सरकार की ओर से धार्मिक समुदाय के प्रति सम्मान और सहयोग का प्रतीक भी है। हालांकि, इस योजना को लेकर राजनीतिक विवाद भी उठ रहे हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावों में इसके क्या प्रभाव पड़ते हैं।