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Central Government का बड़ा फैसला, देशभर में 85 केंद्रीय विद्यालय और 28 नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे, जम्मू-कश्मीर पर रहेगा विशेष फोकस

Central Government: देश में शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने और प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पूरे देश में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे। इस महत्वपूर्ण निर्णय से न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा, बल्कि लाखों बच्चों को बेहतर अवसर मिलेंगे। इनमें से सबसे ज्यादा केंद्रीय विद्यालय जम्मू और कश्मीर में खोले जाएंगे, वहीं नवोदय विद्यालयों की अधिक संख्या अरुणाचल प्रदेश में स्थापित की जाएगी।

केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों के लिए 8,000 करोड़ रुपये का प्रावधान

सरकार ने इन नए विद्यालयों के उद्घाटन के लिए 8,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट तय किया है, जो अगले आठ सालों में खर्च किए जाएंगे। यह विद्यालय पीएम-श्री स्कूल के रूप में कार्य करेंगे, जिनका उद्देश्य 21वीं सदी के वैश्विक नागरिकों को तैयार करना होगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी और बताया कि 85 नए केंद्रीय विद्यालय 19 राज्यों में खोले जाएंगे, जिसमें दिल्ली का खजुरी खास भी शामिल है। इन नए केंद्रीय विद्यालयों के खुलने से 82,000 से अधिक छात्रों को शिक्षा का लाभ मिलेगा।

Central Government का बड़ा फैसला, देशभर में 85 केंद्रीय विद्यालय और 28 नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे, जम्मू-कश्मीर पर रहेगा विशेष फोकस

शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस फैसले को शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय देशभर में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के साथ-साथ बच्चों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, इन विद्यालयों के खुलने से 5,000 से ज्यादा लोगों को शिक्षकों और अन्य पदों पर रोजगार मिलेगा। यह शिक्षा क्षेत्र में एक नई उम्मीद और विकास की राह खोलेगा।

नवोदय विद्यालयों का भी विस्तार

केंद्रीय सरकार ने 28 नए नवोदय विद्यालय खोलने का भी ऐलान किया है। इन विद्यालयों के खुलने से 15,000 से ज्यादा छात्रों को प्रवेश मिलेगा और 1,300 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस योजना पर 2,360 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। वर्तमान में देशभर में कुल 1,256 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें से तीन विद्यालय विदेशों में स्थित हैं – मास्को, काठमांडू और तेहरान में।

केंद्रीय विद्यालयों का विस्तार किस राज्य में होगा

इस योजना के तहत केंद्रीय विद्यालयों का विस्तार देश के विभिन्न हिस्सों में किया जाएगा। जम्मू और कश्मीर में सबसे अधिक 13 केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में 11, राजस्थान में 9, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 8-8, उत्तर प्रदेश में 5, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश में 4-4, कर्नाटका में 3 नए विद्यालय खोले जाएंगे, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु में 2-2 केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे। दिल्ली में भी एक केंद्रीय विद्यालय खोला जाएगा, वहीं अरुणाचल प्रदेश, असम और केरल में एक-एक नया विद्यालय खोला जाएगा।

नवोदय विद्यालयों का विस्तार

नवोदय विद्यालयों का विस्तार विशेष रूप से उन राज्यों में किया जाएगा, जो शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़े हुए हैं। अरुणाचल प्रदेश में सबसे अधिक 8 नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके अलावा, तेलंगाना में 7, असम में 6, मणिपुर में 3, पश्चिम बंगाल में 2, और कर्नाटका, महाराष्ट्र में 1-1 नवोदय विद्यालय खोला जाएगा।

उत्तर प्रदेश में केंद्रीय विद्यालयों का विस्तार

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी केंद्रीय विद्यालयों का विस्तार किया जाएगा। जिन जिलों में नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे, उनमें प्रमुख रूप से प्रयागराज, जौनपुर, महाराजगंज, बिजनौर, चांदपुर, अयोध्या और कानपुर शामिल हैं। इससे प्रदेश में छात्रों के लिए शिक्षा के नए अवसर खुलेंगे और शिक्षा का स्तर भी बेहतर होगा।

शिक्षा क्षेत्र में नए रोजगार अवसर

इन नए केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों के उद्घाटन से न केवल छात्रों के लिए शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि इससे शिक्षा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी, जिससे लाखों लोगों को काम मिलेगा। इससे पूरे देश में रोजगार की स्थिति में भी सुधार होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में लिए गए इस निर्णय से देशभर में शिक्षा क्षेत्र को एक नई दिशा मिलेगी। यह कदम विशेष रूप से उन क्षेत्रों में विकास की नींव रखेगा, जहां शिक्षा की पहुंच अभी तक सीमित थी। जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्वी राज्य, और अन्य पिछड़े क्षेत्रों में इन विद्यालयों का उद्घाटन इन क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में मदद करेगा।

भारत सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ने के रूप में देखा जा सकता है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए सकारात्मक प्रभाव छोड़ेगा। पीएम-श्री स्कूलों की योजना से देश में शिक्षा का स्तर उन्नत होगा और भविष्य में एक मजबूत और सक्षम युवा पीढ़ी तैयार होगी, जो देश की प्रगति में अहम योगदान दे सकेगी।

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