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Lawrence Bishnoi के बारे में बड़ा खुलासा, जेल में बंद गैंगस्टर के भाई ने किया बड़ा दावा

Lawrence Bishnoi: हाल ही में जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के परिवार को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। लॉरेंस के 50 वर्षीय चचेरे भाई रमेश बिश्नोई ने बताया कि परिवार गैंगस्टर की देखभाल के लिए हर साल करीब 35 से 40 लाख रुपये खर्च करता है, क्योंकि वह जेल में है। रमेश बिश्नोई ने यह भी कहा कि उनका परिवार कभी नहीं सोच सकता था कि पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई करने वाला 31 वर्षीय मेरा भाई लॉरेंस एक दिन अपराधी बन जाएगा। रमेश ने यह बात द डेली गार्जियन से बातचीत में कही। उन्होंने कहा, “हम हमेशा से अमीर रहे हैं। लॉरेंस के पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे और हमारे पास गांव में 110 एकड़ जमीन है। लॉरेंस हमेशा महंगे कपड़े और जूते पहनता था। यहां तक कि अब भी परिवार सालाना 35 से 40 लाख रुपये जेल में उसके लिए खर्च करता है।”

बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद चर्चा में लॉरेंस बिश्नोई

पंजाब के फिरोजपुर में जन्मे लॉरेंस बिश्नोई, जिनका असली नाम बलकरण बरार है, ने अपने बचपन के नाम को बदलकर ‘लॉरेंस’ कर लिया। कहा जाता है कि यह नाम उन्होंने अपनी मौसी के सुझाव पर स्कूल के दिनों में अपनाया, क्योंकि उन्हें यह नाम बेहतर लगा। हाल के वर्षों में उनका नाम कई हाई-प्रोफाइल मामलों में सामने आया है, जिनमें से हाल ही में महाराष्ट्र के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का मामला शामिल है। लॉरेंस की गैंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है।

सिद्दीकी की हत्या की जांच में जुटी पुलिस

इससे पहले मई 2022 में, प्रसिद्ध पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोप भी लॉरेंस बिश्नोई की गैंग पर लगाया गया था। फिलहाल लॉरेंस बिश्नोई गुजरात के साबरमती जेल में बंद हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनकी गैंग के सदस्य इन अपराधों को अंजाम देते हैं। एनसीपी के अजित गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जांच चल रही है और इस हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।

Lawrence Bishnoi के बारे में बड़ा खुलासा, जेल में बंद गैंगस्टर के भाई ने किया बड़ा दावा

लॉरेंस बिश्नोई का परिवार और अपराध की दुनिया में प्रवेश

लॉरेंस बिश्नोई के परिवार ने कभी यह नहीं सोचा था कि उनका बेटा अपराध की दुनिया में प्रवेश करेगा। रमेश बिश्नोई ने बताया कि लॉरेंस बचपन से ही अच्छी स्थिति में था और उसे किसी चीज की कमी नहीं थी। वह महंगे कपड़े पहनता था और परिवार के पास पर्याप्त जमीन और संपत्ति थी। उनके पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे और परिवार ने लॉरेंस को पढ़ाई के लिए पूरी मदद दी। इसके बावजूद, लॉरेंस ने अपराध की दुनिया में कदम रखा, जो परिवार के लिए एक बड़ा झटका था।

गैंगस्टर की बढ़ती पहचान और हाई-प्रोफाइल अपराध

लॉरेंस बिश्नोई का नाम कई हाई-प्रोफाइल अपराधों से जुड़ा हुआ है। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद से वह सुर्खियों में बने हुए हैं। इसके अलावा, हाल ही में बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में भी उनका नाम सामने आया है। यह कहा जा रहा है कि लॉरेंस की गैंग ने सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। लॉरेंस बिश्नोई ने अपने प्रभाव और गैंग की ताकत के बल पर अपराध की दुनिया में एक मजबूत पहचान बनाई है।

जेल में भी सक्रिय गैंगस्टर

लॉरेंस बिश्नोई भले ही जेल में बंद हैं, लेकिन उनकी गैंग के सदस्य उनके निर्देश पर बाहर अपराध कर रहे हैं। यह आरोप लगाया जाता है कि जेल में रहते हुए भी लॉरेंस अपनी गैंग के माध्यम से अपराधों को अंजाम देता है। पुलिस और जांच एजेंसियां लगातार इस दिशा में काम कर रही हैं कि कैसे जेल में बंद एक अपराधी बाहर अपराधों को नियंत्रित कर सकता है।

परिवार की आर्थिक स्थिति और खर्चे

रमेश बिश्नोई के अनुसार, लॉरेंस का परिवार आर्थिक रूप से सशक्त है और उसके लिए जेल में हर साल भारी खर्च उठाता है। परिवार की 110 एकड़ जमीन और अन्य संपत्ति है, जिससे उन्हें कोई आर्थिक समस्या नहीं है। इसके बावजूद, परिवार के लिए यह दुख की बात है कि उनका बेटा एक अपराधी बन गया है।

अपराध और कानून के बीच फंसा लॉरेंस बिश्नोई

लॉरेंस बिश्नोई ने पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की थी और एक उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन कुछ गलत फैसलों और संगति के कारण वह अपराध की दुनिया में फंस गया। अब उसका नाम कई हत्याओं और अपराधों से जुड़ा हुआ है, जिससे उसका भविष्य अधर में लटक गया है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग की चुनौती

लॉरेंस बिश्नोई गैंग पुलिस और कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। गैंग के सदस्य बिना किसी डर के अपराधों को अंजाम दे रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करना भी कठिन हो रहा है। हाल ही में हुई घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि गैंग का प्रभाव बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए पुलिस को सख्त कदम उठाने होंगे।

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