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यूपी से इन नेताओं को राज्यसभा में भेजेगा बीजेपी

BJP will send these leaders from UP to Rajya Sabha

सत्य खबर,नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने 14 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटें खाली हुई हैं, जहां से 7 उम्मीदवार उतारे गए हैं. पार्टी ने इस बार अपने गुमनाम कार्यकर्ताओं को राज्यसभा जाने का मौका दिया है. साथ ही जातीय समीकरण बैठाने की भरसक कोशिश की है, जिसमें पिछड़ी जातियों को विशेष तौर पर तरजीह दी गई है. सात में से चार उम्मीदवार पिछड़ी जाति से उतारे गए हैं. वहीं, कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी को ज्वाइन करने वाले आरपीएन सिंह को इनाम दिया गया है.

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी से राज्यसभा के लिए बीजेपी की ओर से घोषित सात उम्मीदवारों के बीच बैठाए गए जातिगत समीकरण को बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है क्योंकि सूबे में विपक्ष के बड़े नेता और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के जरिए आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी पिच तैयार कर रहे हैं, जिसकी बीजेपी ने तोड़ निकालने की पूरी कोशिश की है.

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राज्यसभा के लिए बीजेपी ने यूपी से सुधांशु त्रिवेदी, आरपीएन सिंह, तेजवीर सिंह, साधना सिंह, संगीता बलवंत, नवीन जैन, अमरपाल मौर्य को प्रत्याशी बनाया गया है. इन नामों में आरपीएन सिंह सैंथवार, अमरपाल मौर्य कोइरी, संगीता बलवंत बिंद, चौधरी तेजवीर सिंह जाट समाज से आते हैं. ये सभी पिछड़ी जातियां हैं. इन सभी नेताओं का अपने-अपने इलाके में दबदबा है. इसके अलावा सुधांशु त्रिवेदी ब्राह्मण, साधना सिंह क्षत्रिय और नवीन जैन बिरादरी से आते हैं. भगवा पार्टी ने सभी बड़ी जातियों को साधने की कोशिश की है. केवल सुधांशु त्रिवेदी को दोबारा राज्यसभा भेजा जा रहा है बाकी सभी नाम पार्टी ने नए चुने हैं. चंदौली जिले की पूर्व विधायक साधना सिंह एक तेजतर्रार महिला नेता हैं, जबकि नवीन जैन आगरा नगर निगम के पूर्व महापौर रहे हैं.

उम्मीदवार बनाने के मायने
यूपी में अमरपाल मौर्य को कोइरी समाज का बड़ा नेता माना जाता है. वह लंबे समय से संगठन से जुड़े हुए थे. यूपी बीजेपी में महामंत्री हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि वे सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बेहद करीबी नेताओं में से एक हैं, जबकि संगीता बलवंत योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. हालांकि इस बार गाजीपुर सीट से विधानसभा चुनाव हार गई थीं, इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का तोहफा दिया है.

मथुरा से तीन बार सांसद रहे चौधरी तेजवीर सिंह को राज्यसभा भेजने के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. उनकी अपने इलाके में खासी लोकप्रियता है. कहा जा रहा है कि बीजेपी जाट समुदाय को किसी भी कीमत पर खिसकने नहीं देना चाहती है. यही वजह है कि जाट समुदाय और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी का लगभग एनडीए में शामिल होना तय माना जा रहा है. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के ऐलान के बाद से वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ करते नजर आए हैं. एनडीए में शामिल होने को लेकर उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब वह किस मुंह से मना करेंगे.

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