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नायब सैनी को हरियाणा का सीएम बनाने के पीछे बीजेपी का बड़ा प्लान,एक तीर से कई निशाने

 

सत्य खबर, चंडीगढ़ 

कुरुक्षेत्र से सांसद एवं हरियाण बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लग चुकी है। नायब सिंह सैनी ओबीसी समुदाय के बड़े नेता के तौर पर जाने जाते हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस बदलाव के कई मायने बताये जा रहे हैं। बीजेपी हरियाणा में नॉन जाट की राजनीति करती है। करीब 9 साल पहले बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौका दिया था। अब लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बीजेपी ने फिर बदलाव किया है और इस बार बीजेपी ने एक ओबीसी नेता को मुख्यमंत्री बनाया है।

पिछड़ा वर्ग ओबीसी से आने वाले 53 साल के सैनी, मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। उनकी नियुक्ति को हरियाणा की जाति केंद्रित राजनीति में गैर-जाट मतदाताओं विशेष रूप से पिछड़े समुदायों को एकजुट करने की बीजेपी की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है।

ओबीसी वर्ग ने लगाए थे अनदेखी के आरोप

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हरियाणा का ओबीसी समुदाय पिछले कुछ समय से लगातार सत्ताधारी दलों पर समुदाय के लोगों की अनदेखी के आरोप लगा रहा है। पिछले दिनों रोहतक में ओबीसी समाज ने एक बड़ी रैली की थी और उसमें कहा गया था कि सरकार में ओबीसी समाज अब तक अपने हक और अधिकारों से मरहूम है और उनको सही हक नहीं मिला तो सत्ताधारी दलों को समुदाय के लोग वोट नहीं करेंगे। इसी कड़ी में 18 फरवरी को करनाल में कश्यप बिरादरी ने भी अपने समाज की अनदेखी का आरोप लगाया था।

ओबीसी समुदाय की यह थी मांग

पिछले कुछ समय से ओबीसी समाज के संगठनों के पदाधिकारियों की मांग है कि समुदाय के लोगों को हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कम से कम 25 मिलें। रोहतक रैली में भी कहा गया था कि हरियाणा में ओबीसी समुदाय का काफी वोट बैंक होने के बावजूद समाज के लोगों को उस लिहाज से टिकट नहीं दी जाती और अबकी बार लोकसभा की 10 में से 3 और विधानसभा की 90 में से कम से कम 25 सीट ओबीसी समुदाय के लोगों को दी जाए ताकि उनको उनका हक मिल सके। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाता तब तक यह लड़ाई जारी रखेंगे।

प्रदेश में करीब 30 फीसदी ओबीसी 

हालांकि हरियाणा में जातिगत जनगणना तो नहीं हुई लेकिन पिछले साल सरकार ने पीपीपी आधार पर वर्ग विशेष को लेकर 72 लाख परिवारों में से 68 लाख के आंकड़े जारी किए थे। पिछले साल परिवार पहचान पत्र स्कीम के तहत सामान्य, एससी, बीसी और बैकवर्ड क्लास के परिवारों के आंकड़े जरूर सामने आए हैं। हरियाणा में एससी व बीसी वर्ग की बात करें तो कुल जनसंख्या का ये करीब 51 फ ीसदी है। पीपीपी के आधार पर प्रदेश की कुल संख्या 2 करोड़ 83 लाख है। बीसी ए वर्ग के लोगों की संख्या 4793312 है जो कुल जनसंख्या का 16.93 फीसदी हैं। इनके अलावा बीसी बी कैटेगरी की संख्या 3797306 है।

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जनसंख्या का 5वां हिस्सा 

ये जनसंख्या का 13.41 फीसदी हैं। इनके अलावा हरियाणा में एससी वर्ग के लोगों की संख्या 5861131 है और कुल का 20.71 प्रतिशत है। ऐसे में प्रदेश की कुल जनसंख्या का पांचवा हिस्सा एससी वर्ग का है। आने वाले चुनावों में एससी व बीसी वर्ग का आंकड़ा देखते हुए साफ है कि ये दोनों ही साइडिंग फैक्टर साबित होने वाले हैं। ये भी बता दें कि प्रदेश में 72 लाख परिवारों ने पीपीपी बनवाने के लिए आवेदन किया।० इनमें से 68 लाख परिवारों का डाटा उस समय वेरीफाई हो चुका था। लगभग 2.5 लाख परिवार ऐसे हैं जो किसी अन्य राज्य में रह रहे हैं।

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