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Rajasthan और Uttarakhand में BJP का हैट्रिक चुनौती, PM Modi आज प्रवेश करेंगे

PM Modi पूरे दमखम के साथ लोकसभा चुनाव प्रचार में उतर गए हैं. UP के मेरठ से Mission-2024 की शुरुआत करने के बाद अब वह उस राज्य में प्रवेश कर रहे हैं जहां BJP ने 2014 और 2019 में क्लीन स्वीप किया है. प्रधानमंत्री Narendra Modi मंगलवार को पहले Rajasthan और फिर Uttarakhand में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. BJP 2024 में दोनों राज्यों में क्लीन स्वीप की हैट्रिक लगाने की कोशिश में है, जिसके लिए PM Modi चुनावी रणभूमि में उतर रहे हैं.

PM Modi दोपहर 1.30 बजे राजस्थान की जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर चुनावी रैली को संबोधित करेंगे, जहां से BJP के राव राजेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री Narendra Modi Uttarakhand के रुद्रपुर में एक रैली को संबोधित करेंगे, जो नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। BJP की ओर से केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट चुनाव मैदान में हैं. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद दोनों राज्यों में PM Modi की यह पहली रैली है.

PM ने संभाली चुनाव की कमान

पहले चरण में Uttarakhand की पांचों लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है, जबकि Rajasthan की 25 में से 12 लोकसभा सीटों पर पहले चरण में वोटिंग हो रही है. जयपुर ग्रामीण सीट पर पहले चरण में मतदान होना है. इसके अलावा गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में 19 अप्रैल को वोटिंग है. इस तरह दोनों राज्यों में पहले चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब सियासी माहौल बनाने की जिम्मेदारी PM Modi ने उठा ली है.

BJP 2014 और 2019 में Uttarakhand की सभी पांच लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही है। इसी तरह, BJP 2014 और फिर 2019 के चुनाव में Rajasthan की सभी 25 सीटें जीतने में सफल रही। 2019 में नागौर लोकसभा सीट पर BJP से चुनाव लड़ने वाले हनुमान बेनीवाल ने जीत हासिल की. BJP ने न सिर्फ दोनों राज्यों में सभी सीटें जीतीं बल्कि अपना वोट शेयर भी बढ़ाया. इसके बावजूद 2024 में दोनों राज्यों में क्लीन स्वीप करना BJP के लिए आसान नहीं है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री Narendra Modi ने खुद चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है.

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Rajasthan में PM Modi की रैली

लोकसभा चुनाव शुरू होने के बाद पहली बार PM Modi मंगलवार को कोटपूतली में एक जनसभा को संबोधित करेंगे, जहां से वह 3 लोकसभा क्षेत्रों – जयपुर ग्रामीण, अलवर और सीकर की लोकसभा सीटें जीतने की कोशिश करेंगे. इसीलिए तीनों लोकसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को रैली में लाने की योजना बनाई गई है. इसके बाद PM Modi 5 अप्रैल को चुरू में और 6 अप्रैल को नागौर में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे. इस तरह तीन जनसभाएं कर हम पहले चरण की 12 लोकसभा सीटें जीतने का दांव खेलेंगे.

Uttarakhand में PM Modi की रैली

PM Modi उधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय रुद्रपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे, जहां से केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट चुनाव लड़ रहे हैं. 2019 में उन्होंने Uttarakhand के पूर्व मुख्यमंत्री Harish Rawat को हराकर जीत हासिल की। PM Modi की रुद्रपुर रैली के सियासी मायने लगाए जा रहे हैं. कुमाऊं बेल्ट की दोनों लोकसभा सीटें चुनाव के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही हैं. इसे भाबर और तराई के वोटरों को लुभाने की रणनीति मानी जा रही है.

रुद्रपुर न केवल उधम सिंह नगर और कुमाऊं के लिए बल्कि उत्तर प्रदेश के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। यहां से रामपुर, बरेली और पीलीभीत की सीटों पर राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि यहां के माहौल का सीधा असर उत्तर प्रदेश की सीटों पर भी पड़ता है. यह भी एक कारण है कि PM Modi रुद्रपुर से लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं.

फिलहाल कुमाऊं में कोई भी बड़ा नेता प्रचार करने नहीं पहुंचा है. CM Pushkar Singh Dhami कुमाऊं में चुनाव प्रचार का नेतृत्व कर रहे हैं, वहीं BJP के सभी वरिष्ठ नेता गढ़वाल पहुंच रहे हैं. हाल ही में स्मृति ईरानी ने गढ़वाल में रैली की थी. कुमाऊं, गढ़वाल और जौनसार में पार्टी नेता स्थानीय नेता धामी सरकार के कामों को गिनाकर प्रचार कर रहे हैं, लेकिन अब PM Modi के प्रचार में उतरने से BJP के चुनाव अभियान को धार मिलेगी.

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माना जा रहा है कि PM Modi की रैली भाबर और तराई में लोगों का भरोसा जीतने के लिए आयोजित की गई है, जिसका मुख्य कारण इस क्षेत्र का जातीय समीकरण है. खास बात यह है कि नैनीताल लोकसभा सीट के अंदर हलद्वानी और रुद्रपुर दो बड़े शहर हैं जो पलायन का बड़ा केंद्र भी माने जाते हैं. पहाड़ी जिलों से मैदानी इलाकों में आकर बसने वालों के लिए भी ये दोनों शहर प्राथमिकता में हैं। ऐसे में उधम सिंह नगर में मतदाता जाति और क्षेत्र के आधार पर मिले-जुले हैं, जिन्हें साधना इतना आसान नहीं है. इसके साथ ही यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अधिक है. ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि PM Modi अपनी रैली के दौरान राजनीतिक एजेंडा कैसे सेट करते हैं.

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