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BRICS शिखर सम्मेलन, PM मोदी आज रूस जाएंगे, पुतिन से करेंगे मुलाकात

BRICS शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को रूस के लिए रवाना होंगे, जहां वे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ब्रिक्स समूह के नेताओं और अन्य आमंत्रित मेहमानों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी भाग लेंगे। यह वर्ष में पीएम मोदी का रूस का दूसरा दौरा है, और उन्हें इस बार राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आमंत्रण पर बुलाया गया है।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन: 22-23 अक्टूबर को कज़ान में आयोजन

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22 और 23 अक्टूबर को रूस के कज़ान शहर में आयोजित किया जाएगा। यह शिखर सम्मेलन ब्रिक्स संगठन के विस्तार के बाद पहली बार हो रहा है, जिसमें इस वर्ष मिस्र, ईरान, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात ने संगठन में सदस्यता ली है। ब्रिक्स समूह दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक महत्वपूर्ण संगठन है। रूस में भारत के राजदूत डेनिस अलिपोव ने कहा है कि रूस प्रधानमंत्री मोदी और 40 अन्य नेताओं का स्वागत करने के लिए उत्साहित है।

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा की रूस यात्रा रद्द

एपी के अनुसार, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने घरेलू दुर्घटना में गर्दन में चोट लगने के कारण रूस यात्रा रद्द कर दी है। अर्जेंटीना और सऊदी अरब को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन सऊदी अरब ने सरकार में बदलाव के बाद इस आमंत्रण को ठुकरा दिया है, जबकि सऊदी अरब की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठकें

विदेश मंत्रालय ने बताया कि पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान ब्रिक्स सदस्य देशों के नेताओं और अन्य आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भी शामिल होंगे। रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उशाकोव के अनुसार, कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 24 देशों के नेता और कुल 32 देशों के प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेंगे, जो रूस में अब तक का सबसे बड़ा विदेश नीति कार्यक्रम होगा।

ब्रिक्स: दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं का प्रमुख संगठन

ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने वाला एक महत्वपूर्ण संगठन है। यह संगठन वैश्विक जनसंख्या का 41 प्रतिशत, वैश्विक जीडीपी का 24 प्रतिशत और विश्व व्यापार का 16 प्रतिशत से अधिक का प्रतिनिधित्व करता है। ब्रिक्स का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाना और वैश्विक मुद्दों पर सामूहिक दृष्टिकोण पेश करना है। इस वर्ष ब्रिक्स के विस्तार के बाद, संगठन और अधिक प्रभावशाली हो गया है, जिसमें मिस्र, ईरान, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की भागीदारी इसे और व्यापक बनाती है।

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ब्रिक्स के नाम और संरचना का परिवर्तन

ब्रिक्स की शुरुआत ब्रिक (BRIC) के रूप में हुई थी, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल थे। वर्ष 2010 में दक्षिण अफ्रीका को ब्रिक समूह की पूर्ण सदस्यता दी गई और इसका नाम बदलकर ब्रिक्स कर दिया गया। यह नामकरण न्यूयॉर्क में ब्रिक विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान किया गया। ब्रिक्स का उद्देश्य दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना और वैश्विक मंच पर विकासशील देशों की आवाज को मजबूत करना है।

ब्रिक्स का आर्थिक महत्व

ब्रिक्स संगठन वैश्विक स्तर पर अपने आर्थिक महत्व के लिए जाना जाता है। इसकी सदस्य अर्थव्यवस्थाएं सामूहिक रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा हैं और उनकी व्यापारिक साझेदारी और निवेश पर दुनिया भर में ध्यान केंद्रित किया जाता है। ब्रिक्स देशों के आपसी व्यापार और आर्थिक सहयोग ने कई क्षेत्रों में नई संभावनाएं पैदा की हैं, जिनमें विज्ञान, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और पर्यावरण शामिल हैं। इन देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाएं और परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उनका प्रभाव बढ़ा है।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का महत्व

इस बार का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संगठन के विस्तार के बाद पहला सम्मेलन है। इसमें नए सदस्य देशों के शामिल होने के बाद, ब्रिक्स का भविष्य और इसका वैश्विक प्रभाव मुख्य चर्चा का विषय बनेगा। इसके अलावा, सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग, व्यापार, सुरक्षा, तकनीकी विकास और वैश्विक राजनीतिक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

भारत और रूस के संबंध

भारत और रूस के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं, जिनका आधार दशकों से मजबूत हुआ है। दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे विभिन्न क्षेत्रों में गहरा सहयोग है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच व्यक्तिगत संबंध भी इन द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाते हैं। इस शिखर सम्मेलन में भारत और रूस के बीच रक्षा और व्यापारिक समझौतों पर चर्चा होने की संभावना है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक और सुरक्षा संबंध और अधिक मजबूत हो सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी इस बात का संकेत है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति को और अधिक मजबूत कर रहा है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वैश्विक मंच पर विकासशील देशों की आवाज को मजबूती से रख रहा है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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