British flags were made in China only minutes after the death of Queen Elizabeth
सत्य खबर, नई दिल्ली
आपको जानकर हैरानी होगी, कि ब्रिटिश महारानी क्वीन एलिजाबेथ-द्वितीय के निधन के ठीक 90 मिनट बाद चीन के कारखानों में ब्रिटिश झंडे बनने लगे थे, क्योंकि चीन को पता था, कि ब्रिटेन से भारी संख्या में झंडों के ऑर्डर मिलने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के नब्बे मिनट बाद, शंघाई के दक्षिण में एक कारखाने में हजारों ब्रिटिश झंडों का उत्पादन शुरू हो गया था।British flags were made in China only minutes after the death of Queen Elizabeth
शाओक्सिंग चुआंगडोंग टूर आर्टिकल्स कंपनी के 100 से ज्यादा कर्मचारियों ने ब्रिटिश झंडे बनाने के लिए बाकी सभी कामों को बंद कर दिया और सुबह साढ़े 7 बजे से कारखाने में ब्रिटिश झंडे बनने लगे थे। कारखाने के अंदर कर्मचारियों से 14 घंटे तक लगातार काम करवाया गया और इस दौरान उन्होंने सिर्फ और सिर्फ ब्रिटिश झंडे बनाए। कर्मचारियों ने ब्रिटिश-थीम वाले झंडे के अलावा कुछ और नहीं बनाया। कंपनी के जनरल मैनेजर के मुताबिक, कंपनी का मकसद पहले हफ्ते में कम से कम 5 लाख ब्रिटिश झंडों का उत्पादन करना था और उन्होंने ऐसा कर दिया। महारानी के निधन के बाद चीनी कंपनियों को पता था, कि ब्रिटिश झंडों की मांग में बाढ़ आने वाली है, लिहाजा डिमांड के मुताबिक फौरन सप्लाई में कोई बाधा नहीं आए, इस मकसद से तेजी के साथ काम किया गया।British flags were made in China only minutes after the death of Queen Elizabeth
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चीनी कंपनी के अंदर अलग अलग तरह के झंडों का निर्माण हो रहा था और वो झंडे लोगों के इमोशन के साथ कनेक्ट हो, इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा था। इन झंडों को ब्रिटेन में महारानी के निधन के बाद शोक मनाने वाले लोग अपने हाथों में लेकर शाही निवास तक जाने वाले थे, महारानी के सम्मान में अपने घरों पर लगाने वाले थे। कई झंडों में महारानी एलिजाबेथ के चित्र और उसके जन्म और मृत्यु के वर्षों को दिखाए गये थे। रिपोर्ट के मुताबिक, इन झंडों को अलग अलग रेंज में बनाया गया था और उनकी रेंज 21 सेंटीमीटर से 150 सेंटीमीटर के बीच थे और थोक बाजार में उनकी कीमत 7 युआन यानि 1 डॉलर तय किया गया था।British flags were made in China only minutes after the death of Queen Elizabeth
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चीनी कंपनी ने ब्रिटिश झंडों का निर्माण महारानी के निधन के 90 मिनट बाद सुबह साढ़े 7 बजे शुरू की थी और कंपनी को 3 बजे पहला ऑर्डर मिला और फिर एक के बाद एक ऑर्डर मिलने शुरू हो गये। कंपनी की मैनेजर के मुताबिक, जब उन्हें ऑर्डर मिला था, उस वक्त उनके पास 20 हजार झंडे उपलब्ध थे, जिसे उसी वक्त भेज दिया गया। मैनेजर ने कहा कि, हमारे ग्राहक सीधे कंपनी झंडे लेने के लिए पहुंच गये और उस वक्त तक काफी झंडों को पैक भी नहीं किया गया था और वो उतना इंतजार करने के लिए भी तैयार नहीं थे। बाद में झंडों को बिना पैक किए बॉक्स में डालकर भेजा जाने लगा। कंपनी ने कहा कि, एलिजाबेथ की मृत्यु से पहले फैक्ट्री फुटबॉल विश्व कप के लिए झंडे बना रही थी।
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हर वैश्विक घटना पर होती है नजर चुआंगडोंग 2005 से झंडा निर्माण उद्योग में है और विश्व कप और अन्य खेल आयोजनों या राष्ट्रीय दिवस समारोह के लिए झंडे तैयार करते हैं। उनकी कंपनी स्पोर्ट्स-थीम वाले स्कार्फ और बैनर भी बनाती है। मैनेजर फैन ने कहा कि, उनके कर्मचारी हर उस वैश्विक घटना पर नजर रखते हैं, जिससे उन्हें झंडा बनाने का ऑर्डर मिल सकता है और वो झंडों का निर्माण शुरू कर देते हैं। वहीं, कंपनी में काम करने वाले एक कर्मचारी नी गुओजेन ने कहा कि, उन्होंने कंपनी में काम करने के दौरान दुनिया के बारे में सीखा है। नी गुओजेन ने कहा कि, “मैंने वर्तमान घटनाओं के बारे में बहुत कुछ सीखा है और इस वक्त रानी की तस्वीरों के साथ झंडों का निर्माण हो रहा है। इन घटनाओं से मेरा ज्ञान बढ़ा है। इसलिए मुझे गर्व और खुशी है कि मैं झंडे बना रहा हूं।” इससे पहले भी ब्रिटिश शाही शादी कंपनी को झंडों का विशाल ऑर्डर मिला था।
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