जींद में फर्जी लोन मामले में यूनियन बैंक के मैनेजर समेत 4 पर मामला दर्ज
सत्य खबर, जींद ।
जींद के नरवाना में करोड़ों रूपए के गबन का मामला सामने आया है। आरोप है कि यूनियन बैंक के मैनेजर समेत 4 लोगों ने क्षेत्र के 14 लोगों से स्वरोजगार के नाम पर लोन दिलवाने के लिए उनके दस्तावेज ले लिए। इन दस्तावेजों के आधार पर लोन लेकर खुद ही पूरी रकम डकार गए।
लोगों को धोखाधड़ी का उस समय पता चला, जब बैंक की तरफ से उनके पास लोन की किस्त जमा करवाने का मैसेज आया। नरवाना सिटी थाना में यूनियन बैंक के तत्कालीन मैनेजर समेत 4 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
ये लोग पहुंचे थाने
पुलिस को दी शिकायत में सतबीर निवासी नरवाना, मुकेश टोहाना, सोनू बडनपुर, नीलम नरवाना, गुरदीप गांव सैंथली, नीलम पत्नी गगन वासी दबलैन, गगनदीप वासी दबलैन, अंजू हांसी समेत कई लोगों ने बताया कि वह बेरोजगार हैं और उन्हें स्वयं के रोजगार स्थापित करने के लिए लोन की जरूरत थी। उनके पास गांव सैंथली निवासी नरेश आया।
उसने बताया कि उसकी रेलवे रोड पर नेहरू पार्क के पास के यूनियन बैंक मैनेजर राजेश नेहरा, राकेश, सुधीर, अशोक आदि के साथ जान पहचान है, वह आसानी से उनका लोन करवा देगा। उन्हें ज्यादा चक्कर लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। उपरोक्त लोगों ने राकेश की बात मान ली और लोन दिलवाने के लिए हामी भर ली। राकेश ने यह भी बताया कि लोन के नाम पर मैनेजर कमीशन लेगा।
राकेश उनसे आधार कार्ड, पेन कार्ड समेत सारी आईडी ले गया और एक फार्म भरकर उसके साथ आईडी लगाकर उन्हें दिया और इस पूरे फार्म और दस्तावेजों को बैंक में जमा करवाने के लिए दे दिया। सभी लोगों ने बैंक मैनेजर राजेश नेहरा को फार्म दिया और उनके दिए दस्तावेजों पर अपने हस्ताक्षर कर दिए। जो फार्म बैंक मैनेजर द्वारा दिया गया, वह अंग्रेजी में था और उन्हें पढ़ना नहीं आता था।
लोन मिला नहीं, किस्त के लिए आ गया फोन
मैनेजर ने उन्हें गुमराह कर फार्म पर हस्ताक्षर करवाए। इसके बाद उन्हें कोटेशन आदि के बारे में बताया गया और कहा गया कि कोटेशन लेने के बाद उन्हें लोन दिया जाएगा। करीब 3 से 4 माह बाद उनके पास बैंक से कॉल आई कि उन्होंने लोन की किस्त नहीं भरी। यह सुनते ही उनके पांव तले की जमीन खिसक गई, क्योंकि लोन उन्हें मिला ही नहीं था। उन्होंने तो किसी तरह की कोटेशन भी नहीं दी।
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एक करोड़ से ज्यादा का लोन लिया
बैंक जाकर पता किया तो उनके बैंक खाते के नाम पर लाखों रुपए का लोन चढ़ा हुआ मिला। कोटेशन से लेकर दूसरी सारी प्रक्रिया पूरी दिखाई गई। उन्होंने आरोप लगाए कि फर्जी कोटेशन लगाकर उनके लोन की राशि को आरोपियों ने अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिया। उनके साथ एक करोड़ रूपए से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई है। लोन उन्हें मिला भी नहीं और किस्त के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
शहर थाना पुलिस ने तत्कालीन बैंक मैनेजर राजेश मेहरा, राकेश, सुधीर, अशोक, नरेश के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।