सत्य खबर, नई दिल्ली ।
Central government’s action on rising onion prices
पिछले दिनों टमाटर के बढ़ते दामों के बीच सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बड़ा फैसला लिया। जिसके तहत प्याज के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।, लेकिन अब एक बार फिर से इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं। अब तक प्याज के दाम में 57 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं दूसरी ओर अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
दरअसल, केंद्र ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए शुक्रवार को खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर प्याज की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया है। पिछले दिनों टमाटर के बढ़ते दामों के बीच सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बड़ा फैसला लिया। जिसके तहत प्याज के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन अब एक बार फिर से इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं। अब तक प्याज के दाम में 57 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
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वहीं दूसरी ओर अब केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, केंद्र ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए शुक्रवार को खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बफर प्याज की बिक्री बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्र की ओर कुछ दिन पहले प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी कीमतें अनियंत्रित होती दिख रही हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक आंकड़े के मुताबिक प्याज की भारत में औसत खुदरा कीमत शुक्रवार को बढ़कर 47 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में प्याज की कीमतें 30 रूपप प्रतिकिलोग्राम थी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, जिन राज्यों में कीमतों में तेज वृद्धि हो रही है, वहां थोक और खुदरा दोनों बाजारों में बफर स्टॉक से प्याज उतारा जा रहा है। केंद्र की ओर कहा गया कि अगस्त के मध्य से 22 राज्यों में विभिन्न स्थानों पर लगभग 1.7 लाख टन तक प्याज का बफर स्टॉक पहुंच गया था।
वहीं कीमतें बढ़ने पर केंद्र सकार ने बफर प्याज को दो सहकारी निकायों एनसीसीएफ और एनएएफईडी आउटलेट और वाहनों के माध्यम से 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचे जाने की व्यवस्था की है। दिल्ली में प्याज 25 रुपए प्रतिकिलो की दर से बेचा जा रहा है। प्याज की कीमतों में वृद्धि की वजह केंद्र ने नई प्याज के आवक में देरी माना है। क्योंकि इस बार खराब मौमम के चलते प्याज की फसल की बुआई में भी देरी हुई थी। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मौसम संबंधी कारणों से ऐसी स्थिति बनी है।
Central government’s action on rising onion prices