ज्योतिष

लग गया चैत्रका महीना, जानिए क्या करें क्या ना करें

Chaitra month has started, know what to do and what not to do

सत्य खबर, नई दिल्ली ।हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह साल का पहला महीना है. इस साल यह महीना 26 मार्च से शुरू हो चुका है जो कि 23 अप्रैल को समाप्त होगा. इस दौरान देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है. चैत्र मास का धार्मिक महत्व होने के अलावा अन्य भी कई मायने हैं. आइए जानते हैं चैत्र माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं. साथ ही चैत्र मास का धार्मिक महत्व भी जानने की कोशिश करते हैं.

चैत्र माह में सूर्य अपनी उच्चतम राशि में होता है और फिर वसंत ऋतु आती है. ज्योतिषि के अनुसार हिंदू कैलेंडर का पहला महीना चैत्र शुरू हो चुका है, लेकिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत 15 दिन बाद यानी 9 अप्रैल से होगी. शुरू के इन 15 दिनों को नए साल में नहीं गिना जाता, क्योंकि इन दिनों में चंद्रमा अमावस्या की ओर बढ़ता है. इन 15 दिनों में चंद्रमा की चमक लगातार कम होती जाती है और अंधेरा बढ़ता जाता है.

चैत्र माह का महत्व 

चैत्र मास के व्रत-त्योहार बहुत खास होते हैं, क्योंकि हिंदू नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष से शुरू होता है. ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करता है. इन दिनों मौसम में भी बदलाव देखने को मिलते हैं. इस महीने को भक्ति और संयम का महीना भी कहा जाता है क्योंकि इस महीने में कई खास व्रत और त्योहार पड़ते हैं. लोगों की सेहत का ध्यान रखते हुए व्रत और त्योहारों को मनाने सलाह दी जाती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, ब्रह्माजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी. साथ ही, इस दिन से ही भगवान विष्णु ने दशावतार से प्रथम मत्स्य अवतार लिया था और प्रलय के समय मनु की नाव को जल बहाव से बचा लिया था. प्रलय की समाप्ति के बाद मनु से नई सृष्टि की शुरुआत हुई.

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चैत्र माह में क्या करें और क्या न करें 

प्रतिदिन स्नान- कहा जाता है कि इस महीने में सूर्योदय से पहले उठकर ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए और इसके बाद दिन में एक बार उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति बीमारियों से बचा रहता है और उसकी उम्र भी बढ़ती है.

बासी भोजन करने से बचें- चैत्र माह में गर्मी शुरू होने लगती है इसलिए बासी भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए. इस माह भोजन में तरल पदार्थ ज्यादा लेना चाहिए और अनाज की मात्रा कम कर देनी चाहिए. इसके साथ ही हल्के और सूती वस्त्र पहनना शुरू कर देना चाहिए.

पेड़-पौधों को दें पानी- चैत्र माह में गर्मी बढ़ने लगती है, ऐसे में पेड़ पौधों को रोजाना पानी देना चाहिए. इसके साथ ही चैत्र माह में रसीले फलों का सेवन और दान करना बहुत शुभ माना गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन की कई परेशानियां दूर हो सकती हैं.

योग और ध्यान- चैत्र माह में गर्मी बढ़ने के कारण लोगों में आलस भी बढ़ने लगता है. ऐसे में इस माह में आलस से बचने के लिए सुबह जल्दी बिस्तर छोड़ने की कोशिश करें और दिन की शुरुआत योग और व्यायाम के साथ करें. ऐसा करने से मन और शरीर दोनों से आलस दूर रहेगा.

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नीम की पत्ती- चैत्र माह से सुबह सवेरे नीम की पत्तियां चबानी चाहिए. कहा जाता है कि इससे मौसम के बदलाव से होने वाले संक्रमण से बचने में मदद मिल सकती है. नीम के पत्तों को गुड़ के साथ खाने से लाभ मिलता है.

इनकी करें पूजा- शास्त्रों के अनुसार इस पूरे महीने में पूरे दिन एक समय ही भोजन करना चाहिए. अधिक भोजन करने से बचें. साथ ही इस पूरे महीने नियमित रूप से भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करें और उनके लिए व्रत भी रखना चाहिए.

देवी दुर्गा की आराधना- इस माह में सूर्य और देवी दुर्गा की पूजा करनी चाहिए, जिससे व्यक्ति को पद-प्रतिष्ठा के साथ-साथ शक्ति और ऊर्जा भी मिलती है. इस माह में गुड़ खाना वर्जित बताया जाता है. ऐसे में इस महीने में गुड़ खाने से बचें.

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