सत्य खबर । चरखी दादरी
70 के दशक में जनता पार्टी की ओर से भिवानी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ते हुए प्रदेश के पूर्व सीएम बंसीलाल को करारी शिकस्त देते हुए हरियाणा की पहली महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त करने वाली व पूर्व उप राज्यपाल रही चरखी दादरी के डालावास गांव की चंद्रावती का रविवार को रोहतक पीजीआई में उपचार के दौरान निधन हो गया।
उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने के कारण चिकित्सकों की टीम ने उनके पैतृक गांव डालावास में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। इस दौरान कई नेता व गणमान्य लोग अंतिम यात्रा में शामिल रहे। चंद्रावती ने अपने जीवन में 14 चुनाव लड़े, इस दौरान वे संसदीय सचिव, विधायक, राज्य मंत्री, सांसद व उप राज्यपाल बनी। लेकिन उनके मन में हमेशा सीएम बनने की टीस बनी रही।
प्रदेश की प्रथम महिला अधिवक्ता, प्रथम महिला विधायक दल नेत्री, प्रथम महिला सांसद, पुडुचेरी की पूर्व उप राज्यपाल व कांग्रेस की वरिष्ठ नेता चंद्रावती पिछले काफी समय से बीमार चल रही थीं। रविवार सुबह उन्होंने रोहतक पीजीआई में अंतिम सांस ली। चंद्रावती काफी समय से दादरी में सरकारी निवास पर रहती थीं। उनके निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक जताया है और उनको श्रद्धांजलि दी। चंद्रावती को श्रद्धांजलि देने लोग काफी संख्या में उनके पैतृक गांव डालावास व दादरी निवास पर पहुंचे।
चंद्रावती का उनके पैतृक गांव डालावास में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान चिकित्सकों की टीम ने पीपीई किट पहनकर व परिजनों को भी पीपीई किट पहनाकर अंतिम संस्कार की रस्म प्रक्रिया पूरी करवाई गई। पुलिस ने उनको अंतिम सलामी दी। इस अवसर पर पूर्व विधायक रणवीर मंदोला, पूर्व विधायक धर्मपाल ओबरा, पूर्व विधायक छतरसिंह घिराय, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल धनखड़, अमन डालावास, अरूण धनखड़, पूर्व सरपंच करतार, विशाल पटवारी, सीटीएम सुरेश कुमार, डीएसपी अनिल डुडी व नायब तहसीलदार शेखर कुमार इत्यादि शामिल रहे।
क्षेत्र की पहली स्नातक व एलएलबी भी थी चंद्रावती
बता दें कि चंद्रावती 3 सितंबर 1928 को दादरी जिला के गांव डालावास में हुआ था और उन्होंने संगरूर से स्नातक की थी, वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की। पहली सांसद रही चंद्रावती भिवानी-दादरी जिला ही नहीं बल्कि आस-पास के एरिया में पहली स्नातक योग्यता वाली महिला होने का गौरव हासिल किए हुए थीं। इसके साथ ही वह पंजाब व हरियाणा बार में पहली महिला अधिवक्ता भी रही। वे 1977 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल को हराकर प्रदेश की पहली महिला सांसद बनी। चंद्रावती ने पेप्सू के समय पहला चुनाव बाढड़ा विधानसभा से 1954 में लड़ा था और जीत हासिल की थी।
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