राष्‍ट्रीय

महाराष्ट्र की 23 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस भड़की, संकट में MVA?

Clash in MVA over Lok Sabha seats in Maharashtra

सत्य खबर/नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) में खींचतान मच गई है. इस गठबंधन में कांग्रेस के अलावा एनसीपी का शरद पवार गुट और शिवसेना का उद्धव गुट शामिल है. महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें हैं और इनमें से 23 सीटों पर अकेले उद्धव गुट ने अपना दावा ठोका है.

उद्धव गुट की इस मांग पर कांग्रेस भड़क गई है. कांग्रेस ने उद्धव गुट द्वारा मांगी गई सीटों को बहुत ज्यादा बताया है और मांग को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा है कि शिवसेना में फूट के बाद उद्योग गुट के पास योग्य उम्मीदवारों की कमी है. ऐसे में उद्धव गुट की ये मांग स्वीकार्य नहीं है.

उद्धव गुट ने 23 सीटों की मांग की

दरअसल, महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों दलों ने सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू कर दी है, लेकिन यह बंटवारा काफी मुश्किल माना जा रहा है. उद्धव गुट ने राज्य में 23 लोकसभा सीटों की मांग की है.

Kannada language controversy: बेंगलुरु में महिला ने ऑटो ड्राइवर को चप्पल से मारा! महिला की हरकत पर सोशल मीडिया में हंगामा
Kannada language controversy: बेंगलुरु में महिला ने ऑटो ड्राइवर को चप्पल से मारा! महिला की हरकत पर सोशल मीडिया में हंगामा

उद्धव गुट के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम राज्य की 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे क्योंकि हमारी पार्टी हमेशा से इतनी सीटों पर चुनाव लड़ती रही है. राउत ने हाल ही में यह भी कहा था कि उन्होंने सीटों को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे से भी बात की है।

कांग्रेस मांग पूरी करने को तैयार नहीं है

दूसरी ओर, कांग्रेस उद्धव गुट को इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना में विभाजन के बाद उद्धव गुट के सामने सबसे बड़ी चुनौती योग्य उम्मीदवारों की है. पार्टी के पास अब अच्छे उम्मीदवार नहीं हैं, इसके बावजूद इतनी सीटें मांगी जा रही हैं।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण का भी कहना है कि गठबंधन में शामिल दलों के बीच अच्छे तालमेल की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हर पार्टी चाहती है कि उसे चुनाव लड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा सीटें मिलें लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए शिवसेना की ओर से की गई सीटों की मांग काफी ज्यादा है. उद्धव गुट की ओर से की जा रही मांग स्वीकार्य नहीं है.

संजय निरुपम ने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं को जीती हुई सीटों पर विवाद पैदा करने से बचना चाहिए. शिवसेना के कई नेताओं के पाला बदलने से पार्टी पहले से ही संकट की स्थिति में नजर आ रही है और उसके पास चुनाव लड़ने के लिए कोई अच्छा उम्मीदवार भी नहीं है.

Delhi Airport पर IndiGo flight में टर्बुलेंस का खौफनाक अनुभव! मई में दूसरी बार इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस का शिकार
Delhi Airport पर IndiGo flight में टर्बुलेंस का खौफनाक अनुभव! मई में दूसरी बार इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस का शिकार

 

सीट बंटवारे को लेकर क्यों है दिक्कत?

शिवसेना पहले राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा थी। उस समय शिव सेना को ताकतवर माना जाता था लेकिन एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के 40 विधायकों की बगावत के बाद अब शिव सेना पहले जितनी ताकतवर नहीं मानी जा रही है. शिंदे ने राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाया था, जबकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फड़णवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया था.

बाद में अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी में बगावत हो गई और अजित पवार ने राज्य के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. शिवसेना और एनसीपी में बगावत के बाद कांग्रेस दोनों पार्टियों को ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं दिख रही है. इससे राज्य में सीटों के बंटवारे को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. राज्य में सीट बंटवारे की समस्या को सुलझाना आसान नहीं माना जा रहा है.

Back to top button