Starlink और भारतीय एयर फाइबर सेवाओं का तुलनात्मक विश्लेषण: क्या है अंतर?
Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सेवा अब भारत में लॉन्च होने के लिए तैयार है। नियामक मंजूरी और स्पेक्ट्रम आवंटन के साथ, एलोन मस्क की कंपनी स्टारलिंक भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने जा रही है। स्टारलिंक इंटरनेट सेवा उपयोगकर्ताओं को बिना किसी तार के इंटरनेट सुविधा प्रदान करेगी। हालांकि, एयरटेल और जिओ भी उपयोगकर्ताओं को बिना तार के ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा प्रदान करते हैं। इन दोनों कंपनियों द्वारा दी जा रही इंटरनेट सेवा को जिओ एयरफाइबर और एयरटेल एक्सट्रीम एयरफाइबर के नाम से जाना जाता है।
पिछले दो वर्षों में, एयरटेल और जिओ के वायरलेस ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। अब सवाल यह है कि एलोन मस्क का स्टारलिंक एयरटेल और जिओ के वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट से कैसे अलग है? आइए जानते हैं इन तीनों इंटरनेट सेवाओं के बारे में…
जिओ और एयरटेल एयरफाइबर
जिओ एयरफाइबर
रिलायंस जिओ अपने उपयोगकर्ताओं को बिना किसी तार के फाइबर ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान कर रहा है। इस सेवा में एक छोटा सा एंटीना उपयोगकर्ता के घर की छत पर लगाया जाता है, जो इंटरनेट कनेक्टिविटी को एयरफाइबर बॉक्स (वाई-फाई राउटर) तक पहुंचाता है, जो घर के अंदर रखा जाता है। इसके बाद, उपयोगकर्ता अपने घर में मौजूद उपकरणों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट से जोड़ सकते हैं। जिओ एयरफाइबर का एंटीना पास के मोबाइल टावर से 5G सिग्नल प्राप्त करता है और इसे उपयोगकर्ता के घर में रखे वाई-फाई राउटर तक पहुंचाता है। जिओ की यह इंटरनेट सेवा, जो कि स्थलीय नेटवर्क (Terrestrial Network) पर आधारित है, इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करती है।
एयरटेल एक्सट्रीम एयरफाइबर
एयरटेल एक्सट्रीम एयरफाइबर भी जिओ की तरह काम करता है। इस सेवा में उपयोगकर्ताओं को एयरटेल के नजदीकी 5G मोबाइल टावर से इंटरनेट सिग्नल प्राप्त होता है। फिर, यह नेटवर्क सिग्नल छत पर लगे एंटीना के माध्यम से वाई-फाई राउटर (जो ‘एक्सट्रीम एयरफाइबर बॉक्स’ कहलाता है) तक पहुंचता है। इसके बाद, घर में रखे डिवाइस इंटरनेट से जुड़ जाते हैं। एयरटेल और जिओ दोनों के एयरफाइबर ब्रॉडबैंड में समान प्रकार की तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिसमें सिग्नल जमीन पर स्थित मोबाइल टावरों (BTS) से भेजे जाते हैं।
स्टारलिंक की कार्यप्रणाली
एलोन मस्क की कंपनी स्टारलिंक सीधे उपभोक्ताओं के घर में लगाए गए एंटीना तक सैटेलाइट से सिग्नल ट्रांसमिट करती है। इसके लिए जमीन पर कोई बेस स्टेशन स्थापित नहीं किया जाता है। उपभोक्ता के घर में लगे एंटीना द्वारा सिग्नल प्राप्त किए जाते हैं, जो कि स्पेसएक्स के उपग्रहों से आते हैं जो पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगा रहे होते हैं। इस प्रकार, स्टारलिंक की इंटरनेट सेवा में किसी भी प्रकार की बेस स्टेशन की आवश्यकता नहीं होती। स्टारलिंक की विशेषता यह है कि यह सैटेलाइट से सीधे सिग्नल प्राप्त करता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को बिना किसी बाधा के इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलती है।
सैटेलाइट इंटरनेट सेवा में चूंकि सिग्नल सीधे उपग्रह से प्राप्त होते हैं, इसलिए मौसम के प्रभाव जैसे तूफान, बारिश आदि का इसका कनेक्टिविटी पर कोई असर नहीं पड़ता। यही कारण है कि स्टारलिंक की इंटरनेट सेवा आपातकालीन स्थितियों में भी उपलब्ध हो सकती है। यह सुविधा अन्य नेटवर्कों की तुलना में अधिक स्थिर और विश्वसनीय होती है, विशेष रूप से उन स्थानों पर जहां पारंपरिक नेटवर्क या टावर की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
Jio और Airtel AirFiber Vs. Starlink
तकनीकी अंतर
- जिओ और एयरटेल एयरफाइबर: यह सेवा स्थलीय नेटवर्क पर आधारित है, जहां इंटरनेट सिग्नल नजदीकी मोबाइल टावर से प्राप्त किए जाते हैं। ये दोनों सेवाएं 5G तकनीक पर निर्भर करती हैं और टावर से सिग्नल प्राप्त करके उपभोक्ता के घर तक पहुंचाती हैं।
- स्टारलिंक: इस सेवा में, सैटेलाइट से सीधे सिग्नल प्राप्त किए जाते हैं, और इसमें किसी भी प्रकार के बेस स्टेशन की आवश्यकता नहीं होती। यह पूरी तरह से उपग्रहों पर आधारित है, जिससे उपयोगकर्ताओं को निर्बाध कनेक्टिविटी मिलती है, और यह तूफान या बारिश से प्रभावित नहीं होती।
विस्तार और पहुंच
- जिओ और एयरटेल: ये सेवाएं केवल उन क्षेत्रों में काम करती हैं जहां 5G मोबाइल टावरों की उपलब्धता है। यदि किसी क्षेत्र में टावर नहीं है, तो इन सेवाओं का उपयोग संभव नहीं है।
- स्टारलिंक: चूंकि यह सैटेलाइट आधारित सेवा है, यह दूरदराज के इलाकों में भी काम कर सकती है, जहां पारंपरिक नेटवर्क की पहुंच नहीं होती।
मौसम पर प्रभाव
- जिओ और एयरटेल: इनकी कनेक्टिविटी मौसम से प्रभावित हो सकती है, खासकर भारी बारिश या तूफान के दौरान।
- स्टारलिंक: चूंकि यह सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त करता है, इसका कनेक्टिविटी पर मौसम का असर न्यूनतम होता है।
जिओ और एयरटेल की एयरफाइबर सेवाएं एक मजबूत और तेज इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करती हैं, लेकिन ये मुख्य रूप से उस स्थान पर निर्भर करती हैं जहां 5G टावर स्थित हैं। वहीं, स्टारलिंक पूरी तरह से सैटेलाइट आधारित है और इसे किसी भी आधारभूत संरचना या मोबाइल टावर पर निर्भर नहीं होना पड़ता। यदि आप दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं या आपको आपातकालीन स्थिति में इंटरनेट की आवश्यकता होती है, तो स्टारलिंक आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।