राष्‍ट्रीय

Veer Savarkar की संघर्ष और योगदान को भुलाने की साजिश, BL Santosh का आरोप

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय संगठन महासचिव BL Santosh ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने देश में फैलाए जा रहे उस मिथक पर सवाल उठाया, जिसके अनुसार भारत को स्वतंत्रता ‘कुछ विशेष लोगों’ और ‘आंदोलन’ के कारण मिली। उन्होंने यह आरोप लगाया कि एक राजनीतिक पारिस्थितिकी तंत्र ने तीन या चार पीढ़ियों को यह विश्वास दिलाया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल और स्वामी विवेकानंद जैसे महान नेता अस्तित्व में नहीं थे। संतोष ने यह भी अपील की कि स्वतंत्रता सेनानियों जैसे विचारक वीर सावरकर की जीवन गाथा और उनके योगदान को भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाया जाए।

वीर सावरकर का योगदान और संघर्ष

संतोष ने वीर सावरकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका संघर्ष, समर्पण और बलिदान कुछ लोगों को पसंद नहीं आया, जिनकी प्राथमिकता ब्रिटिश शासकों के साथ गोलमेज सम्मेलन और वार्ता करने की थी, बजाय इसके कि वे स्वतंत्रता संग्राम में कड़ा संघर्ष करें। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि देशवासियों को यह कहानी सुनाई गई कि भारत को स्वतंत्रता कुछ खास लोगों और आंदोलन के कारण मिली। यह स्थिति सावरकर जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी के योगदान को नकारने की साजिश प्रतीत होती है।

Veer Savarkar की संघर्ष और योगदान को भुलाने की साजिश, BL Santosh का आरोप

संतोष ने कहा, “यह एक विडंबना है कि वीर सावरकर के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को सही तरीके से प्रस्तुत करने के लिए एक किताब लिखनी पड़ी।” इस टिप्पणी के साथ उन्होंने सावरकर की भूमिका को सराहा, और बताया कि उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेताओं के रूप में स्थापित करने के लिए यह कदम उठाया गया।

Kannada language controversy: बेंगलुरु में महिला ने ऑटो ड्राइवर को चप्पल से मारा! महिला की हरकत पर सोशल मीडिया में हंगामा
Kannada language controversy: बेंगलुरु में महिला ने ऑटो ड्राइवर को चप्पल से मारा! महिला की हरकत पर सोशल मीडिया में हंगामा

सावरकर के विचार और उनके विरोधियों की रणनीतियां

बीएल संतोष ने यह भी कहा कि वीर सावरकर के विचारों और रणनीतियों का विरोध उन लोगों द्वारा किया गया, जो ब्रिटिश साम्राज्य के साथ बातचीत और समझौता करने की ओर झुकाव रखते थे। सावरकर ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ जन जागरूकता फैलाने का काम किया और भारतीयों को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए सशक्त रणनीतियां बनाई, जो बाद में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महत्वपूर्ण साबित हुईं।

संतोष ने यह भी कहा कि सावरकर के आंदोलन से यह सिद्ध हुआ कि उन्होंने भारतीय सेना को मज़बूती से खड़ा किया। जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, तो भारतीय सेना में भारतीयों की एक महत्वपूर्ण उपस्थिति थी। इसके बावजूद, सावरकर के विचारों और उनकी कड़ी मेहनत को नजरअंदाज किया गया और उन्हें अक्सर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया।

द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों की भूमिका

बीएल संतोष ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीयों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि सावरकर ने भारतीयों को इस युद्ध में भाग लेने के लिए प्रेरित किया था, हालांकि उनकी इस सलाह का विरोध किया गया था। विरोधियों का कहना था कि भारतीयों का उपयोग केवल ब्रिटिश साम्राज्य के युद्ध अभियानों में किया जाएगा, लेकिन सावरकर के दृष्टिकोण ने भारतीयों को अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।

संतोष ने यह भी कहा कि सावरकर के प्रयासों से भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना को एक मजबूत स्थिति मिली, और जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, तब भारतीय सेना में भारतीयों की एक महत्वपूर्ण उपस्थिति थी, जो ब्रिटिश साम्राज्य की शक्ति के मुकाबले एक बड़ी ताकत के रूप में उभरी।

Delhi Airport पर IndiGo flight में टर्बुलेंस का खौफनाक अनुभव! मई में दूसरी बार इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस का शिकार
Delhi Airport पर IndiGo flight में टर्बुलेंस का खौफनाक अनुभव! मई में दूसरी बार इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस का शिकार

संतोष ने यह स्पष्ट किया कि सावरकर का संघर्ष और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक अहम कड़ी थे, जिन्हें अनदेखा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर के योगदान को भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि वे यह जान सकें कि किस तरह सावरकर जैसे महान नेता ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन को समर्पित किया।

इसके अलावा, संतोष ने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम के असली नायकों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए, ताकि वे जान सकें कि उनके संघर्ष के कारण ही आज भारत स्वतंत्र और समृद्ध राष्ट्र के रूप में खड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह जरूरी है कि हम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करें और उन नेताओं की भूमिका को सम्मानित करें जिनका योगदान स्वतंत्रता प्राप्ति में अहम था।

वीर सावरकर का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अत्यंत महत्वपूर्ण था, और उन्हें सच्चे नायक के रूप में प्रस्तुत करना हमारा कर्तव्य है। बीएल संतोष ने अपनी टिप्पणी में जो मुद्दे उठाए, वे यह दर्शाते हैं कि आज भी कुछ लोग सावरकर जैसे महान नेताओं की भूमिका को अनदेखा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनके योगदान को सही तरीके से समझें और भविष्य की पीढ़ियों तक इसे पहुंचाएं। यही केवल हम सभी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Back to top button