सत्य खबर । सफीदों (महाबीर मित्तल)
रेवाड़ी के किसान अशोक बेरीवाल ने देशभर के किसानों को फसल अवशेष के उचित प्रबंधन की दिशा में प्रेरित करते हुए सवाल किया है कि फसल अवशेष को आग लगाने वाले लोग अपने शरीर के बालों को आग क्यों नहीं लगाते। वे ऐसा करके देखें तो उन्हें पता चलेगा कि वे फसल अवशेषों को आग लगाकर वे कितना पाप व नुकसान कर रहे हैं।
व्हाट्सएप के क्ई किसान समूहों में अपनी पोस्ट को सांझा करते हुए जैविक खेती के ट्रेनर बेरीवाल का कहना है कि धरती माता के पेड़-पौधे व फसल अवशेष ठीक उसी तरह हैं जैसे व्यक्ति के शरीर पर बाल होते हैं और शरीर के बाल जलाने से जितना दुख व नुकसान व्यक्ति को पहुंचता है उससे भी कहीं अधिक दुख व नुकसान धरती माता को होता है इसलिए फसल अवशेषों को आग लगाने की बजाय उन्हें गला सड़ाकर खाद के रूप में प्रयोग करने की प्रणाली के तहत उनका उचित प्रबंधन करना चाहिए।
उत्तर भारत में उनकी यह पोस्ट खूब वायरल हो रही है। अशोक ने किसान भाइयों से आग्रह किया है कि वे रसायनों के प्रयोग से बचें और फसलों के अवशेष को सड़ाकर खाद बना अपनी मृदा को मजबूत करें।
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