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इनेलो के अस्तित्व पर मंडाराये खतरे के बादल, जा सकता है पार्टी का चुनाव चिन्ह व दर्जा

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।

हरियाणा की सबसे पुरानी पार्टी इनेलो का लंबा इतिहास है, लेकिन प्रदेश में पार्टी की परफॉर्मेंस लगातार गिरती जा रही है। जिससे अब पार्टी का चुनाव चिन्ह चश्मा खतरे में आ गया है। बता दें कि देश को उप प्रधानमंत्री और हरियाणा को कई बार सीएम देने वाली पार्टी इनेलो का स्टेट पार्टी का दर्जा छिन सकता है।

ऐसा क्यूं सत्य खबर आपको पूरी बात बताएगा…

कबीले जिक्र है कि हरियाणा के दिग्गज नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल ने पार्टी का सफर शुरू किया था। 2018 में चौटाला परिवार बिखरा तो इनेलो को बड़ा नुकसान हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में 1.89% और विधानसभा चुनाव में 2.44% ही वोट मिल पाए। इसके अलावा 2019 के चुनाव में भाजपा की लहर ने हरियाणा में सभी दलो का सूपड़ा साफ कर दिया। 10 की 10 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए। इस चुनाव में इनेलो को एक भी सीट नहीं मिली। इसके बाद विधानसभा चुनाव हुआ। इस चुनाव में इनेलों के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। अभय चौटाला के अलावा सभी प्रत्याशी हार गए। बड़ी बात अब ये है कि अगर इस बार भी कम से कम 6% वोट और एक सीट या 8% वोट नहीं मिले तो स्टेट पार्टी का दर्जा और चश्मे का चुनाव निशान तक छिन सकता है।

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के मुताबिक किसी भी पार्टी को लगातार दो चुनाव में निर्धारित वोट नहीं मिलते हैं तो स्टेट पार्टी का दर्जा छिन जाता है। लोकसभा चुनाव में 6% वोट और एक सीट या 8% वोट की जरूरत होती है। विधानसभा में 6% वोट और 2 सीटें होनी चाहिए। नियम के मुताबिक अगर लगातार 2 चुनाव में ये सब नहीं होता है तो पार्टी का चुनाव चिन्ह भी छिन सकता है।

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