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अमृतसर में तैनात रही डीसीपी प्रज्ञा जैन को अदालत ने किया तलब, महिला वकील ने लगाए गंभीर आरोप।

सत्य ख़बर, चण्डीगढ़, सतीश भारद्वाज :

अमृतसर की जिला अदालत ने एक महिला वकील को फर्जी मामले में फंसाने व व्यक्ति गत मामलों में दबाव बनाकर फैसला करने पर घर में नजरबंद पर प्रताड़ित मामले की सुनवाई पर अमृतसर की पूर्व डीसीपी प्रज्ञा जैन को अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाई कोर्ट की पीड़ित महिला वकील ने जिला अदालत में न्याय की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की थी कि अमृतसर के पुलिस आयुक्त और डीसीपी प्रज्ञा जैन ने यूट्यूबर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जिसने उसके खिलाफ जघन्य अपराध किया है। पीड़ित की फोटो, चेहरे और आईडी के साथ अपमानजनक सामग्री पोस्ट कर रखी है, महिला कथित यूट्यूबर ने गैरकानूनी कृत्य (बलात्कार के आरोपी (गुरुग्राम कोर्ट में सहायक जिला अटॉर्नी) जो कि करण नामक व्यक्ति से साजबाज है) का गैरकानूनी कृत्य आईपीसी की धारा 228 ए के तहत दंडनीय अपराध किया है, वहीं उन्होंने युटुबर महिला पर भी ब्लेकमैल करने तथा रुपये की मांगने के आरोप लगाए। वहीं पीड़ित ने पुलिस पर भी कार्य में लापरवाही वह प्रताड़ित करने के आरोप लगाए । शिकायत के अनुसार बताया गया है कि पुलिस मेरी शिकायतों को दबाए बैठी है। पुलिस को पूरी तरह से पता है कि मेरी जान को खतरा है क्योंकि विपक्षी ने शिकायतकर्ता की रेकी के लिए लोगों को लगाया हुआ है। मेरी हत्या करने के लिए विरोधी पक्ष ने बीच सड़क में मेरा एक्सीडेंट भी कराया। इस हिट एंड रन मामले पर भी पुलिस कार्रवाई नहीं करना चाह रही हैं। पिछले एक साल से पुलिस मेरी शिकायतों को दबाए बैठी है। दिनांक 14.03.2024 को पुलिस ने मुझे मेरे घर पर ही नजरबंद कर दिया करीब दो दर्जन से अधिक पुरुष और महिला पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों की फोर्स ने लाउडस्पीकर से बार-बार मेरे नाम की घोषणा की गई ताकि मेरे पड़ोस में एक बुरा प्रभाव पैदा हो सके ताकि मैं दोषियों और भ्रष्ट डीसीपी प्रज्ञा जैन के खिलाफ विरोध न कर सकूं जो मुझे मजबूर कर रहे हैं। मामले में समझौता कर लो और मेरे परिवार के सदस्य के माध्यम से मुझे धमकी दी गई कि अगर मैं इस मामले में समझौता नहीं करूंगा तो डीसीपी मुझे किसी झूठे मामले में फंसा देंगी। जब पीड़ित ने दिनांक 16.03.2024 को इलाक्वा मजिस्ट्रेट के पास गुहार लगाई तो मुझे कहा गया कि पुलिस शक्ति पर सुओ मोटो कार्रवाई केवल उच्च न्यायालय के पास है, इसलिए उच्च न्यायालय का रुख करें। इसके बाद मैंने इस मामले को हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति श्री अरुण पल्ली तक पहुंचाने की कोशिश की। जो अमृतसर कोर्ट में निरीक्षण के लिए गए थे। लेकिन स्थानीय अध्यक्ष प्रदीप सैनी एडवोकेट ने मेरे मामले को माननीय न्यायाधीश तक नहीं जाने दिया।

जिसपर पीड़ित महिला वकील ने मामले को जिला जज के संज्ञान में लाकर। अपराधियों को बचाने के लिए दबाव बनाने पर लापरवाह अधिकारियों व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी। जिस पर अदालत ने मामले पर संज्ञान लेते हुए डीसीपी प्रज्ञा जैन को 1 अप्रैल को अदालत में हाजिर होने के लिए आदेश दिए हैं।

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वहीं बताया गया है कि मामला ऊपर तक पहुंचाने के कारण प्रदेश सरकार ने विवादित डीसीपी का तबादला आनन-फानन ग्रामीण क्षेत्र फाजिल्का कर दिया है। हालांकि डीपी प्रज्ञा जैन उनपर पर लगे आरोपों को निराधार व गलत बता चुकी है। चाहे मामला जो भी कुछ हो मगर अदालत में विवादित रही डीसीपी को तलब किया है। जिसकी समस्त जानकारी पीड़िता ने सोशल मीडिया ग्रुप तथा अपनी फेसबुक अकाउंट पर भी डाली हुई है।

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