Delhi Liquor Policy Case: हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाने से किया इनकार, ईडी से जवाब मांगा
Delhi Liquor Policy Case: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को व्यसन नीति मामले में बड़ा झटका लगा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को निलंबित करने से इनकार कर दिया है और इस मामले में दिल्ली की निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई।
अरविंद केजरीवाल का याचिका में दावा
अरविंद केजरीवाल ने बुधवार, 20 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उन्होंने इस याचिका में निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें विशेष अदालत ने धनशोधन मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था। केजरीवाल ने अदालत से यह अनुरोध किया था कि निचली अदालत का आदेश रद्द किया जाए क्योंकि आरोपपत्र में उनका अभियोजन प्रारंभ करने के लिए आवश्यक स्वीकृति नहीं प्राप्त की गई थी। केजरीवाल ने यह भी कहा कि वे उस समय सार्वजनिक सेवा में थे जब यह कथित अपराध हुआ था, इसलिए विशेष अनुमति के बिना उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा सकती थी।
ईडी से जवाब मांगने का आदेश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है। अदालत ने ईडी से यह स्पष्ट करने को कहा है कि जब विशेष न्यायालय ने आरोपपत्र पर संज्ञान लिया तो क्या उसके पास अभियोजन के लिए स्वीकृति थी या नहीं। ईडी को यह जवाब जल्द से जल्द दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
हाई कोर्ट ने सजा की रोक की याचिका खारिज की
इससे पहले, 12 नवंबर को उच्च न्यायालय ने एक और याचिका पर सुनवाई की थी जिसमें केजरीवाल ने ईडी द्वारा जारी समन को चुनौती दी थी। ईडी ने केजरीवाल को धनशोधन मामले में समन भेजा था और केजरीवाल ने इसे चुनौती दी थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने उस समय भी निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई को मिली थी अंतरिम जमानत
केंद्र सरकार और अन्य एजेंसियों द्वारा आलोचना झेल रहे अरविंद केजरीवाल को इस मामले में 12 जुलाई को अंतरिम जमानत मिली थी। इस जमानत के बाद, केजरीवाल को कुछ राहत मिली थी, लेकिन मामले में लगातार नई सुनवाइयों के कारण उनकी परेशानियां बढ़ी हुई हैं।
व्यसन नीति घोटाले का संदर्भ
व्यसन नीति घोटाले में आरोप यह है कि दिल्ली सरकार ने शराब के व्यवसायियों के लिए ऐसी नीति बनाई थी जो कि नियमों के खिलाफ थी। ईडी ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इस नीति से संबंधित घोटाले में भारी वित्तीय अनियमितताएं हुई थीं।
न्यायालय का आगे का कदम
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उच्च न्यायालय इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है। हालांकि, केजरीवाल ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है, लेकिन न्यायालय के फैसले के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि आगे क्या कार्यवाही होगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है और ईडी से जवाब मांगा है। इस मामले में अब तक के घटनाक्रम से साफ है कि केजरीवाल के लिए यह कानूनी संकट लंबा चलने वाला हो सकता है।