सत्य खबर,नई दिल्ली । Delhi’s LG becomes powerful again
केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात को केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर एक बार फिर दिल्ली में उपराज्यपाल को ताकतवर बना दिया है. अध्यादेश के अनुसार, दिल्ली के अफसरों का ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार एक बार फिर से उपराज्यपाल के पास हो गया है. इस अध्यादेश के जरिए केद्र ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया है. केंद्र के नए अध्यादेश का आम आदमी पार्टी जोरदार विरोध कर रही है. दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार जो अध्यादेश लाई है, ये सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की अवमानना है.मोदी सरकार, केजरीवाल सरकार को पावर देने के डर से ये अध्यादेश लाई है. केजरीवाल को को दिल्ली की जनता ने चुना है. 90% से ज्यादा सीट दी है लेकिन दिल्ली केजरीवाल नहीं चलाएंगे, केंद्र ही दिल्ली सरकार चलाएगी.
also read: कांग्रेस सरकार देगी किसानों को एमएसपी की गारंटी- हुड्डा
वहीं, बीजेपी ने केंद्र की तरफ से लाए गए अध्यादेश का स्वागत किया है. बीजेपी ने कहा है कि दिल्ली देश की राजधानी है, पूरे भारत का इस पर अधिकार है और गत काफी समय से दिल्ली की प्रशासकीय गरिमा को अरविंद केजरीवाल सरकार ने ठेस पहुंचाई है. दिल्ली में विश्व के हर देश के राजदूत रहते हैं और यहां जो कुछ प्रशासकीय अनहोनी होती है उससे विश्व भर में भी भारत की गरिमा खराब होती है. गत एक सप्ताह में जिस तरह अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के प्रशासन को बदनाम कर मनमानी करने का प्रयास किया उसके चलते केन्द्र सरकार जो अध्यादेश लाई है भारतीय जनता पार्टी उसका स्वागत करती है.
also read: एक दूजे के गले में हाथ डालकर नहर में कूद गए दंपती, जानिए क्या थी वजह
बता दें कि केन्द्र सरकार ने ‘दानिक्स’ कैडर के ‘ग्रुप-ए’ अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए ‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण’ गठित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया. गौरतलब है कि अध्यादेश जारी किये जाने से महज एक सप्ताह पहले ही सुप्नीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया है.
दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि केन्द्र सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश जारी करने की योजना बना रही है. अध्यादेश में कहा गया है कि ‘‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा, जो उसे प्रदान की गई शक्तियों का उपयोग करेगा और उसे सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा. प्राधिकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री उसके अध्यक्ष होंगे. साथ ही, इसमें मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (गृह) सदस्य होंगे.
also read: अब फिर हुई नोटबंदी की घोषणा, जानिए कौन सा नोट हुआ बंद
अध्यादेश में कहा गया है, ‘‘प्राधिकरण द्वारा तय किए जाने वाले सभी मुद्दों पर फैसले उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से होगा. प्राधिकरण की सभी सिफारिशों का सदस्य सचिव सत्यापन करेंगे.’’ अध्यादेश में कहा गया है कि प्राधिकरण उसके अध्यक्ष की मंजूरी से सदस्य सचिव द्वारा तय किए गए समय और स्थान पर बैठक करेंगे. अध्यादेश में कहा गया है, ‘‘प्राधिकरण की सलाह पर केन्द्र सरकार जिम्मेदारियों के निर्वहन हेतु इसके (प्राधिकरण के) लिए आवश्यक अधिकारियों की श्रेणी का निर्धारण करेगी और प्राधिकरण को उपयुक्त अधिकारी और कर्मचारी उपलब्ध कराएगी….
also read: आयुष्मान खुराना के पिता का हुआ निधन,मोहाली में ली अंतिम सांस
इसमें कहा गया है, ‘‘वर्तमान में प्रभावी किसी भी कानून के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण ‘ग्रुप-ए’ के अधिकारियों और दिल्ली सरकार से जुड़े मामलों में सेवा दे रहे ‘दानिक्स’ अधिकारियों के तबादले और पदस्थापन की सिफारिश कर सकेगा…लेकिन वह अन्य मामलों में सेवा दे रहे अधिकारियों के साथ ऐसा नहीं कर सकेगा.’’ Delhi’s LG becomes powerful again