Dr. Manmohan Singh का भारत-अमेरिका परमाणु समझौते में ऐतिहासिक योगदान
पूर्व प्रधानमंत्री Dr. Manmohan Singh ने भारत और अमेरिका के बीच 2008 में हुए नागरिक परमाणु समझौते में अहम भूमिका निभाई, जिसे एक ऐतिहासिक समझौता माना जाता है। इस समझौते ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को एक नई दिशा दी और दोनों देशों के बीच सामरिक, आर्थिक और राजनीतिक रिश्तों को मजबूत किया। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने Dr. Manmohan Singh के इस योगदान को याद करते हुए उन्हें एक महान नेता और रणनीतिक दृष्टि रखने वाले व्यक्ति के रूप में सराहा। राइस ने कहा कि डॉ. सिंह ने इस समझौते के जरिए अमेरिका-भारत संबंधों को एक पूरी तरह से नए स्तर पर पहुंचाया।
कोंडोलीजा राइस का श्रद्धांजलि संदेश
कोंडोलीजा राइस ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “मैं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री Dr. Manmohan Singh के निधन से गहरा दुखी हूं। वे एक महान व्यक्ति और एक महान नेता थे जिन्होंने 2008 के ऐतिहासिक नागरिक परमाणु समझौते के जरिए अमेरिका-भारत संबंधों को एक नए स्तर पर पहुंचाया।” राइस ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री सिंह ने अपने राजनीतिक भविष्य को जोखिम में डालकर और फिर से अपनी सरकार को पुनर्निर्मित किया ताकि इस समझौते को लागू किया जा सके, जिसने क्षेत्रीय भौगोलिक दिशा को बदल दिया और दशकों तक प्रभाव डालने वाले परिणामों को जन्म दिया।”
Manmohan Singh और जॉर्ज बुश का नया अध्याय
भारत और अमेरिका के बीच नागरिक परमाणु समझौते की नींव Dr. Manmohan Singh और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने मिलकर रखी थी। यह समझौता न केवल दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने वाला था, बल्कि भारत के लिए परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में नए अवसरों को खोलने वाला था। यह समझौता भारत को वैश्विक परमाणु आपूर्तिकर्ताओं से ऊर्जा प्राप्त करने में सक्षम बनाता था, जबकि अमेरिकी कांग्रेस ने इसे एक बड़े कदम के रूप में स्वीकार किया था।
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने किया शोक व्यक्त
कोंडोलीजा राइस ने Dr. Manmohan Singh के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने भारतीयों के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “मैं भारतीय लोगों के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदनाएं प्रकट करती हूं – भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।” राइस के अनुसार, डॉ. सिंह और बुश का नेतृत्व भारतीय-अमेरिकी संबंधों के लिए एक “परिवर्तक” समय था, जिसमें न केवल परमाणु समझौता शामिल था, बल्कि यह दोनों देशों के आपसी रिश्तों को स्थायी और दीर्घकालिक रूप से बदलने वाला था।
Dr. Manmohan Singh के योगदान की वैश्विक सराहना
भारत में भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भी Dr. Manmohan Singh के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “डॉ. सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने और अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका दृष्टिकोण और दुनिया के लिए एक बेहतर भारत का निर्माण हमेशा याद किया जाएगा।”
गीत गोपीनाथ ने किया डॉ. सिंह के योगदान का मूल्यांकन
अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने भी डॉ. सिंह के योगदान की सराहना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “डॉ. सिंह का 1991 का बजट भारत की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से मुक्त कर दिया और लाखों भारतीयों के आर्थिक अवसरों को काफी हद तक बढ़ाया। उनकी दूरदर्शिता और सुधारों ने मुझे जैसे कई युवा अर्थशास्त्रियों को प्रेरित किया।”
कनाडा के प्रधानमंत्री ने भी किया शोक व्यक्त
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी Dr. Manmohan Singh के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “डॉ. सिंह का निधन भारत और दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। वे लंबे समय तक सेवा देने वाले नेता थे, जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को बदल दिया, लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला और दुनिया के साथ मजबूत संबंध बनाए, जिनमें कनाडा भी शामिल है।”
भारत के लिए Dr. Manmohan Singh का योगदान
Dr. Manmohan Singh को हमेशा भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने 1991 में आर्थिक सुधारों की दिशा तय की, जिससे भारत के आर्थिक विकास की गति तेज हुई। उनके द्वारा किए गए सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना दिया। इसके अलावा, डॉ. सिंह के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत की और अमेरिका के साथ संबंधों को गहरा किया, जो विशेष रूप से नागरिक परमाणु समझौते के माध्यम से दिखा।
Dr. Manmohan Singh का निधन भारतीय राजनीति और वैश्विक कूटनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उनका योगदान न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधारों तक सीमित रहा, बल्कि उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को नए आयाम दिए। नागरिक परमाणु समझौता उनकी दूरदर्शिता का प्रतीक है, जिसने भारत को वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उनकी नेतृत्व क्षमता और उनके दृष्टिकोण ने न केवल भारत को एक नई दिशा दी, बल्कि उन्होंने दुनिया में भारत की स्थिति को भी मजबूत किया। Dr. Manmohan Singh की विरासत भारतीय राजनीति और वैश्विक कूटनीति में हमेशा याद रखी जाएगी।