राष्‍ट्रीय

ED ने BRS नेता KTR को फॉर्मूला ई रेस केस में समन भेजा, 7 जनवरी को होंगे पूछताछ

भारत सरकार की प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने BRS (भारत राष्ट्र समिति) के नेता और तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामाराव (KTR) को फॉर्मूला ई रेसिंग मामले में समन भेजा है। ED ने KTR को 7 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। इसके अलावा, ED ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार और हैदराबाद मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचएमडीए) के पूर्व मुख्य अभियंता बीएलएन रेड्डी को भी पूछताछ के लिए समन भेजा है। कुमार और रेड्डी को 2 और 3 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

यह जांच पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत की जा रही है, और इसकी शुरुआत एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की एफआईआर के आधार पर हुई है।

क्या पैसा विदेश भेजा गया?

ED ने फॉर्मूला ई रेसिंग मामले में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत एक अलग जांच शुरू करने का भी निर्णय लिया है। इस जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या पैसा विदेश भेजा गया था और क्या विदेशी मुद्रा नियमों का पालन किया गया था। प्रवर्तन केस जानकारी रिपोर्ट (ECIR) में KTR, अरविंद कुमार और बीएलएन रेड्डी का नाम लिया गया है।

आरोप है कि इन व्यक्तियों ने बिना आवश्यक मंजूरी के 55 करोड़ रुपये को हैदराबाद मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HMDA) से फॉर्मूला ई ऑपरेशंस लिमिटेड (FEO) को अवैध रूप से ट्रांसफर कर दिया था।

समझौते में क्या कहा गया था?

समझौते के मुताबिक, सरकार की भूमिका केवल बुनियादी ढांचे और नागरिक सुविधाओं की आपूर्ति तक सीमित थी। आरोप है कि एचएमडीए ने फॉर्मूला ई रेसिंग के समझौते का सीधे हिस्सा नहीं होने के बावजूद फंड जारी किया। यह दूसरा मनी लॉन्ड्रिंग केस है जिसमें तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के परिवार के सदस्य शामिल हैं।

IPL 2025 GT vs PBKS Preview: आज पंजाब किंग्स और गुजरात टाइटंस की होगी टक्कर, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा मुकाबला

ED ने BRS नेता KTR को फॉर्मूला ई रेस केस में समन भेजा, 7 जनवरी को होंगे पूछताछ

KTR की बहन के. कविता को पहले दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। अब, ED का समन BRS पार्टी के लिए एक और राजनीतिक और कानूनी चुनौती बन गया है।

KTR का बयान: ‘हमने कोई गलती नहीं की’

BRS नेता और तेलंगाना के पूर्व मंत्री केटी रामाराव ने मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी और आरोपों को नकारा। उन्होंने कहा, “इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं है। हमने 55 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, और फॉर्मूला ई ने इसे स्वीकार किया है। यह एक ‘सीधे’ खाता था।” KTR का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि वह अपनी भूमिका पर कोई अपराध नहीं मानते हैं और इसे एक सामान्य लेन-देन मानते हैं।

राजनीतिक और कानूनी चुनौती

BRS पार्टी के लिए यह समन एक और बड़ी राजनीतिक और कानूनी चुनौती साबित हो सकती है। तेलंगाना में आगामी चुनावों को देखते हुए यह मामला और भी अधिक संवेदनशील हो गया है। फॉर्मूला ई रेसिंग मामले में आरोपों के बीच, यह सवाल उठता है कि क्या यह समन केवल एक कानूनी प्रक्रिया है या इसके पीछे राजनीतिक कारण भी हैं।

BRS नेता इस मामले को राजनीतिक साजिश के रूप में भी देख सकते हैं, क्योंकि यह आरोप एक समय में उठे हैं जब पार्टी का ध्यान आगामी विधानसभा चुनावों पर है। इस मामले में अदालत के फैसले के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि कानूनी कार्रवाई किस दिशा में जाएगी।

Meerut Murder Case: सौरभ राजपूत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, सुनकर कांप जाएगी रूह

फॉर्मूला ई रेसिंग और उसके आयोजन का महत्व

फॉर्मूला ई रेसिंग को लेकर तेलंगाना सरकार ने पहले से ही यह स्पष्ट किया था कि इसका आयोजन राज्य में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। फॉर्मूला ई रेसिंग एक अंतरराष्ट्रीय कार रेसिंग प्रतियोगिता है जो पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक कारों का प्रचार करती है। इसका आयोजन हैदराबाद में हुआ था, और इसे राज्य सरकार ने अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और पर्यावरणीय रूप से स्थिरता को बढ़ावा देने के रूप में देखा था।

क्या होगा आगे?

ED द्वारा समन जारी किए जाने के बाद, तेलंगाना की राजनीतिक स्थिति में और भी उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। KTR का जवाब और उनकी सफाई इस मामले को और जटिल बना सकती है, क्योंकि BRS पार्टी के लिए यह मामला न केवल कानूनी बल्कि राजनीतिक भी बन सकता है।

आने वाले दिनों में, KTR, अरविंद कुमार और बीएलएन रेड्डी को ED के समक्ष अपनी सफाई पेश करनी होगी। इस जांच के परिणामों के आधार पर, यह देखा जाएगा कि क्या इन पर कोई आपराधिक आरोप साबित होते हैं और अगर ये आरोप सही पाए जाते हैं तो इसके परिणाम क्या होंगे।

BRS नेता केटी रामाराव और अन्य प्रमुख व्यक्तियों के खिलाफ ED की जांच तेलंगाना की राजनीति और कानूनी परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। फिलहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि ED इस मामले में क्या कदम उठाता है और किस प्रकार के आरोप सिद्ध होते हैं। यह मामला न केवल तेलंगाना सरकार के लिए, बल्कि पूरे देश की राजनीति और आर्थिक प्रणाली के लिए एक बड़ी परीक्षा बन गया है।

Back to top button