EPFO खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब मिलेगी इतनी पेंशन

निजी क्षेत्र में काम करने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एंप्लॉयड प्रोविडेंट फंड (EPF) एक महत्वपूर्ण रिटायरमेंट बेनिफिट स्कीम है। यह संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करता है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही EPF में योगदान करते हैं, जिससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक गारंटीड रकम मिलती है।
यह योगदान बेसिक सैलरी (+DA) का 12-12 फीसदी होता है। EPF की ब्याज दरें सरकार हर साल तय करती है। EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे एक बड़ी रकम बनती है।
25,000 रुपये की बेसिक सैलरी पर रिटायरमेंट फंड-
मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) 25,000 रुपये है। आपकी उम्र 30 साल है और रिटायरमेंट की उम्र 58 साल है। EPF कैलकुलेटर के मुताबिक, अगर रिटायरमेंट तक EPF पर सालाना ब्याज 8.1 फीसदी मिलता है। साथ ही, अगर हर साल औसत सैलरी ग्रोथ 10 फीसदी है, तो आपके पास 15,000 रुपये का संभावित फंड हो सकता है। रिटायरमेंट पर 1.68 करोड़ रुपए मिलेंगे। आप 58 साल की उम्र तक ही ईपीएफ स्कीम में योगदान कर सकते हैं। ईपीएफ कैलकुलेशन-
बेसिक सैलरी+डीए = ₹25,000
मौजूदा उम्र = 30 साल
रिटायरमेंट की उम्र = 58 साल
कर्मचारी का मासिक योगदान = 12 फीसदी
नियोक्ता का मासिक योगदान = 3.67 फीसदी
ईपीएफ पर ब्याज दर = 8.1 फीसदी सालाना
सालाना सैलरी ग्रोथ = 10 फीसदी
58 साल की उम्र में मैच्योरिटी फंड = 1.68 करोड़ (कर्मचारी का योगदान 50.51 लाख रुपए और नियोक्ता का योगदान 16.36 लाख रुपए था। कुल योगदान 69.87 लाख रुपए था।)
पीएफ पर ब्याज की गणना कैसे की जाती है-
ब्याज की गणना (पीएफ ब्याज गणना) हर महीने पीएफ खाते में जमा होने वाले पैसे यानी मासिक रनिंग बैलेंस के आधार पर की जाती है। लेकिन, इसे साल के अंत में जमा किया जाता है। ईपीएफओ के नियमों के अनुसार, अगर चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से कोई रकम निकाली गई है, तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज कैलकुलेट किया जाता है। ईपीएफओ अकाउंट का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस हमेशा लिया जाता है। ब्याज दर की गणना मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़कर और उसे 1200 से गुणा करके की जाती है।
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