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Farmers’ protest: चंडीगढ़ में किसानों ने घर की ओर लौटना शुरू किया, मुख्यमंत्री मान के साथ बैठक के बाद लिया निर्णय

Farmers’ protest: चंडीगढ़ में पिछले पांच दिनों से धरने पर बैठे किसानों ने आज अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो भविष्य में एक बड़ा संघर्ष होगा।

Farmers' protest: चंडीगढ़ में किसानों ने घर की ओर लौटना शुरू किया, मुख्यमंत्री मान के साथ बैठक के बाद लिया निर्णय

पिछले दिनों चंडीगढ़ में किसानों का धरना चल रहा था, लेकिन गुरुवार को किसानों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से लंबी बातचीत की। इस दौरान, मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को विशेषज्ञों से चर्चा के बाद लागू किया जाएगा। इसके बाद किसानों ने अपना प्रदर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया।

20 सितंबर तक इंतजार करेंगे

बीकेयू अध्यक्ष ने कहा कि हम 20 सितंबर तक इंतजार करेंगे क्योंकि सरकार ने हमें आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि सरकार कौन सी कृषि नीति लेकर आती है।

यह जरूरी नहीं है कि सरकार नीति को हमारे अनुसार ही बनाए, लेकिन हमें यह देखना होगा कि सरकार इस नीति के माध्यम से हमारी मांगों का समाधान कैसे करती है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कई किसान संगठन हैं, उनकी सहमति भी आवश्यक है।

नीति लागू होने के बाद तय होगी रणनीति

जब सरकार के साथ बातचीत से संतुष्ट होने के बारे में पूछा गया, तो जोगिंदर सिंह उग्राहा ने कहा कि वे चंडीगढ़ तीन मुद्दों के साथ आए थे। इनमें चंडीगढ़ में प्रदर्शन करना, विधानसभा की ओर मार्च करना और कृषि नीति को लागू करने पर सरकार से बातचीत करना शामिल था। उन्होंने कहा कि अब हम इन तीनों मुद्दों को पूरा कर चुके हैं। अब भविष्य की रणनीति नीति लागू होने के बाद तय की जाएगी।

किसानों की प्रमुख मांगें और मुद्दे

किसानों ने सरकार से अपनी प्रमुख मांगें की थीं, जिसमें उचित फसल मूल्य, कर्ज माफी, और बेहतर कृषि नीतियों का समावेश था। धरना शुरू करने से पहले, किसानों ने सरकार को इन मुद्दों पर ध्यान देने की चेतावनी दी थी।

किसानों का प्रदर्शन उस समय शुरू हुआ था जब उनकी मांगें पूरी नहीं की गई थीं और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे। मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बैठक के बाद, किसानों ने अपनी स्थिति को देखते हुए प्रदर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया।

आगे की योजना और सरकार का रुख

अब किसानों ने सरकार से आश्वासन प्राप्त किया है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और एक नई कृषि नीति बनाई जाएगी। इस नीति को लागू करने के बाद किसानों ने अपनी अगली रणनीति तय करने की बात कही है।

किसान संगठन और सरकार के बीच इस बातचीत का परिणाम क्या होगा, यह भविष्य में देखने वाली बात होगी। लेकिन फिलहाल, किसानों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया है और सरकार की ओर से अपेक्षित कार्यवाही का इंतजार कर रहे हैं।

चंडीगढ़ में समाप्त हुआ धरना, उम्मीदें और आशाएं

धरना समाप्त होने के बाद, चंडीगढ़ में स्थिति अब सामान्य हो गई है। किसान घर की ओर लौटने लगे हैं और अब उनकी निगाहें सरकार की ओर हैं, जो उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दी है।

किसानों का यह संघर्ष केवल उनके अधिकारों के लिए नहीं बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसलिए, उनकी मांगों पर ध्यान देने और उचित समाधान प्रदान करने की जिम्मेदारी अब सरकार की है।

निष्कर्ष

किसानों के प्रदर्शन की समाप्ति के साथ, एक नई कृषि नीति की दिशा में पहला कदम उठाया गया है। किसानों की मांगों का समाधान न केवल उनके लिए बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है और किसान संगठन किस प्रकार की रणनीति अपनाते हैं।

यह स्थिति केवल एक मोड़ है और आने वाले समय में किसान आंदोलन की दिशा और विकास पर निगाह रखना आवश्यक होगा।

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