राष्‍ट्रीय

कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष व अन्य के खिलाफ धन के दुरुपयोग पर FIR दर्ज

सत्य ख़बर,नई दिल्ली :

कर्नाटक राज्य बार काउंसिल ने मनोरंजन के लिए खर्च किए गए पैसों में हुए गोलमोल को लेकर एक सीनियर वकील की शिकायत पर केबीसी आई के अध्यक्ष व अन्य पर बेंगलुरु पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बेंगलुरु पुलिस ने 17 अप्रैल को एक वकील की शिकायत पर केबीसी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा अन्य के खिलाफ कथित तौर पर मनोरंजन के साधनों के दुरुपयोग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। यह मामला वरिष्ठ अधिवक्ता बसवराज एस ने कराया है। वहीं इस बारे में काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने गत 12 अप्रैल को मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। क्योंकि केएसबीसी के पूर्व अध्यक्ष आनंद के. शर्मा द्वारा 5 अप्रैल को भेजे गए पत्र में यह मुद्दा उठाया गया था। समिति में वरिष्ठ अधिवक्ता अपूर्व कुमार शर्मा और सदस्य अमित वैद और भक्त भूषण बारिक शामिल होंगे, जो लगाए गए आरोपों की जांच करेंगे। केएसबीसी सचिव को सम्मेलन के दौरान किए गए व्यय से संबंधित सभी प्रासंगिक दस्तावेज 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने को कहा गया है।बीसीआई परिपत्र में कहा गया है कि जांच लंबित रहने तक केएसबीसी के सभी सदस्यों और अन्य अधिवक्ताओं को इस मुद्दे पर आगे कोई सार्वजनिक बयान देने से रोक दिया गया है।समिति झूठी या अपमानजनक जानकारी प्रसारित करने के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने का प्रयास करेगी तथा उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश करेगी। शिकायत के अनुसार, रिकॉर्ड से पता चलता है कि मैसूर में आयोजित सम्मेलन पर करीब कुल 3.2 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। शिकायत में कहा गया है कि सम्मेलन के लिए फर्नीचर और शामियाना पर 70 लाख रुपये खर्च किए गए थे। वहीं यह दिखाया गया है कि सम्मेलन में “संगीतमय रात” पर ₹7.5 लाख खर्च किए गए, जबकि इस उद्देश्य के लिए केएसबीसी को कोई बिल प्रस्तुत नहीं किया गया था। इसके अलावा, अवनी एंटरप्राइजेज नामक कंपनी द्वारा खानपान पर करीब 78 लाख रुपये खर्च किए गए। शिकायत में दावा किया गया कि खानपान सेवाएं प्रदान करने वाली ऐसी कोई संस्था मौजूद नहीं है । इससे लगता है कि ये फर्जी बिल बनाए गए हैं। वकील बसवराज का दावा है कि आरोपी अभी भी अपने अवैध कृत्यों को छिपाने के लिए फर्जी बिल बनाने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं।

बता दें कि इस प्रकार धन का दुरुपयोग, अपनी मनमानी चलने तथा बार के सदस्यों के काम में अड़चन डालने के चक्कर में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट बार के प्रधान पर भी कार्रवाई करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था। उन पर भी काफी गंभीर आरोप वकीलों ने लगाए थे। वहीं एक महिला वकील ने तो उस पर अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने जैसे महिला उत्पीड़न के भी मामले जनता के सामने उजागर किए थे। वहीं पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल के पूर्व व तत्कालीन प्रधान व सदस्य व अन्य पर भी महिला वकील के साथ दुर्व्यवहार, बदतमीजी के भी मामले सामने आ चुके हैं। जिनको लेकर पीड़ित महिला वकील ने बार काउंसिल आफ इंडिया तथा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी शिकायत भेजी हुई है।

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