Gujarat High Court: “मकर संक्रांति से पहले गुजरात हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, चीनी दरवाजों पर प्रतिबंध”

Gujarat High Court: गुजरात हाई कोर्ट ने मकर संक्रांति से पहले चीनी दरवाजों, कांच कोटेड दरवाजों और नायलॉन दरवाजों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम पतंगबाजी के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। कोर्ट ने व्यापारियों को चेतावनी दी है कि यदि प्रतिबंधित दरवाजे बेचे गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गुजरात हाई कोर्ट का मकर संक्रांति से पहले बड़ा फैसला
गुजरात हाई कोर्ट ने मकर संक्रांति से पहले एक अहम फैसला लिया है जिसमें कांच कोटेड दरवाजे, चीनी दरवाजे और नायलॉन दरवाजों का इस्तेमाल राज्यभर में प्रतिबंधित कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कोर्ट के इस आदेश को लागू करने का संकल्प व्यक्त किया है। माना जा रहा है कि यह कदम मकर संक्रांति के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
खतरनाक दरवाजों से होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम
गुजरात हाई कोर्ट ने यह कड़ा कदम कांच और चीनी दरवाजों से होने वाली दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया है। मकर संक्रांति के दौरान पतंगबाजी के दौरान कांच कोटेड दरवाजों के कारण कई गंभीर हादसे हुए हैं, जिनमें मौत और गंभीर चोटें शामिल हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि लोगों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और इस तरह की खतरनाक चीजों का उपयोग सख्ती से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
व्यापारियों पर कड़ी निगरानी
हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, पतंग के मांजे (धागे) बेचने वाले व्यापारियों को खासतौर पर सतर्क रहने के लिए कहा गया है। अगर किसी व्यापारी के पास कांच कोटेड, चीनी या नायलॉन मांजे पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने कहा है कि 13 जनवरी तक बाजार में इन प्रतिबंधित मांजों की बिक्री रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जनता के लिए चेतावनी
यह फैसला गुजरात में पतंगबाजी के शौकिनों के लिए कुछ परेशानी का कारण बन सकता है, क्योंकि अधिकांश लोग पतंग काटने के लिए कांच कोटेड मांजे का उपयोग करते हैं। अब इस फैसले के बाद ये मांजे बाजार में उपलब्ध नहीं होंगे। हालांकि, हाई कोर्ट का यह कदम लोगों की सुरक्षा और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन करने और इसे लागू करने का वचन दिया है। मकर संक्रांति से पहले लिया गया यह निर्णय लोगों को जागरूक करने और त्योहार को सुरक्षित तरीके से मनाने का संदेश देता है। कोर्ट का यह फैसला त्योहारों के दौरान खुशी और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हाई कोर्ट के आदेश का महत्व
गुजरात हाई कोर्ट के इस आदेश से यह स्पष्ट हो जाता है कि त्योहारों के दौरान जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है। जहां एक ओर मकर संक्रांति का पर्व खुशी और उल्लास का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर, इस दौरान होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। कांच कोटेड, चीनी और नायलॉन दरवाजों के कारण सालों से हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार का संकल्प
गुजरात राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को पूरी तरह लागू करने का संकल्प लिया है। राज्य सरकार की ओर से यह भी कहा गया है कि इस फैसले से लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा होगी और वे सुरक्षित तरीके से इस पर्व का आनंद ले सकेंगे। सरकार ने यह भी कहा कि इस फैसले का पालन करवाने के लिए स्थानीय प्रशासन को कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
गुजरात हाई कोर्ट का यह फैसला मकर संक्रांति से पहले एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए इस कदम से उम्मीद है कि पतंगबाजी के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आएगी। राज्य सरकार की ओर से पूरी तरह से इस आदेश को लागू किया जाएगा और व्यापारियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि प्रतिबंधित सामान की बिक्री पर रोक लगाई जा सके।