Gurnam Chadhuni wrote a letter to the SKM
सत्य खबर , चंडीगढ़। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी ग्रुप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नाम खुला पत्र लिखा है। चढूनी ने किसान आंदोलन के दौरान हुए घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए SKM पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
चढ़ूनी का कहना है कि UP के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के कार्यक्रम का विरोध करने पहुंचे 5 किसानों की गाड़ी से रौंद कर हत्या की गई थी, लेकिन इस हत्याकांड में भी SKM ने किसानों को गुमराह किया।Gurnam Chadhuni wrote a letter to the SKM
चढूनी का सवाल-टिकैत को लखीमपुर तक पहुंचने दिया ?
चढूनी ने कहा कि वह पंजाब में था, जब वह लखीमपुर जाने लगा तो मेरठ से उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने स्पष्ट कहा था कि लखीमपुर खीरी तक न पहुंच देने के सख्त आदेश हैं, जबकि राकेश टिकैत समेत अन्य नेताओं को ही लखीमपुर खीरी तक पहुंचने दिया गया ? उन्होंने गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने तथा उसे व उसके बेटे समेत अन्य हत्यारोपियों की गिरफ्तारी न होने तक शहीद किसानों का अंतिम संस्कार न करने का आग्रह किया था।
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SKM ने नहीं कराया रिहा, खुद उठाए कदम
BKU अध्यक्ष चढूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें रिहा कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाए, जबकि उसके संगठन के किसान नेताओं ने युद्धवीर सहरावत, डॉ. दर्शनपाल, योगेंद्र यादव से सख्त कदम उठाने का आग्रह किया था, लेकिन अनसुना किया गया। उन्होंने अपने संगठन के बलबूते पर रोड जाम की कॉल देनी पड़ी, जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया। जबकि आंदोलन का उसूल ये बनता था कि SKM तुरंत ऐलान करता कि पहले चढूनी को रिहा किया जाए और बाद में लखीमपुर में कोई बड़ा कदम उठाता।
राकेश टिकैत ने किसानों को किया गुमराह
चढूनी ने लिखा है कि राकेश टिकैत समेत अन्य नेताओं ने बताया था कि सरकार ने मांगें मान ली हैं, जबकि यह सफेद झूठ था, क्योंकि उससे पहले किसानों के खिलाफ धारा 302 का मुकद्दमा दर्ज किया जा चुका था। इसे देश के किसानों से जानबूझकर छुपाया गया।
आज भी 4 निर्दोष किसान जेल में बंद हैं। उन्होंने आरोप लगाए कि जेल में बंद किसान के परिवार ने उसे बताया कि UP के एक संगठन के जिला प्रधान ने घर से बाजार ले जाने के बहाने से ले जाकर उसके भाई को गिरफ्तार कराया है। यही नहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।Gurnam Chadhuni wrote a letter to the SKM
लिखा: हस्तक्षेप न करें संयुक्त किसान मोर्चा
चढूनी ने कहा कि उसकी सरकार के साथ 7 मई 2022 को मीटिंग थी, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने यह कह कर मीटिंग रद्द करा दी कि चढूनी अब किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं है। उन्होंने पत्र में यह भी चेतावनी दी है कि अगर मोर्चा आर-पार का फैसला लेने की हिम्मत नहीं है तो अपनी स्थिति स्पष्ट करें, ताकि वह अपने संगठन के दम पर जेल में बंद निर्दोष किसानों को रिहा करा सके। साथ ही हस्तक्षेप न करने की सलाह भी दी है।
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