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गुरुग्राम अदालत ने ACP नवीन शर्मा के सैल्यूट के तरीके पर CP से मांगी रिपोर्ट। CM विंडो पर भी गलत रिपोर्ट से है चर्चा में।

सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :

गुरुग्राम के थाना पालम विहार एसीपी नवीन शर्मा द्वारा न्यायाधीश को ठीक से सैल्यूट न करने पर एक जिला अदालत ने पुलिस आयुक्त को कार्रवाई के आदेश देते हुए रिपोर्ट मांगी हैं। यह आदेश ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास विक्रांत की अदालत ने दिया है। यह मामला आठ फरवरी का है। अब इस मामले में डीसीपी वेस्ट करण गोयल जल्द ही रिपोर्ट देंगे।

न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसीपी नवीन शर्मा अपनी टीम के साथ गत आठ फरवरी को थाना पालम विहार में दर्ज एक धोखाधड़ी के मामले में आरोपी अनिल को पेश करने के लिए अदालत गए थे। आरोपित को अदालत में पेश करने के बाद जब वह जाने लगे तो उन्होंने केवल दो उंगलियों से ही न्यायाधीश को सैल्यूट किया। अदालत ने जब एसीपी से इस तरह सैल्यूट करने के तरीके के सीखने के बारे में सवाल किया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने तीन तरीके से सैल्यूट करने के बारे में सीखा है।

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पहला सिर्फ आंखों की भौंह उठाकर, दूसरा माथे पर हाथ लगाकर और तीसरा पूरे तरीके से सैल्यूट करने के बारे में। इसके तुरंत बाद ही उन्हें एहसास हुआ कि अदालत मजाक करने की जगह नहीं है। इसके बाद उन्होंने कहा कि उनकी शर्ट टाइट थी, इसके चलते वह ठीक से सैल्यूट नहीं कर सके।

जिसपर अदालत ने कड़ा संज्ञान लेते हुए पंजाब पुलिस रूल्स 1934 का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक पुलिस अधिकारी वर्दी में किसी अदालत में प्रवेश करते समय, जब अदालत की कार्यवाही ऐसी चल रही हो, अदालत को सैल्यूट करेगा, भले ही उस समय ऐसी अदालत में अध्यक्षता करने वाले न्यायिक अधिकारियों की रैंक या स्थिति कुछ भी हो। इसके बाद अदालत ने कहा कि उन्हें नियमों और प्रोटोकाल के बारे में जागरूक करते हुए उचित रूप से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। अदालत ने पुलिस आयुक्त को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए मामले की रिपोर्ट अदालत में जमा करने के लिए भी कहा है।

बता दें कि फरवरी 2023 में पालम विहार निवासी प्रवीण कुमार ने थाना पालम विहार पुलिस को शिकायत देकर बताया था कि उनकी एक जमीन के मामले में काम करने बारे संदीप और अनिल से बात हुई थी। जिसमें आरोपियों ने आश्वासन दिया था कि काम कराने के लिए 25 लाख रुपये खर्च करने होंगे 10 दिन में काम हो जाएगा। वहीं संदीप ने अपने आप को हरियाणा पुलिस में कार्यरत बताया तथा पोस्टिंग सीएम विंडो शाखा बताया था। पैसे देने के बाद भी उनका काम नहीं हुआ। जब उसने दिए हुए अपने पैसे वापस मांगे ताे आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। जब मामला भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी का सामने आया था। जिसपर धोखाधड़ी भ्रष्टाचार निवारण सहित संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पुलिस जांच कर रही थी।

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वहीं सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि सिपाही संदीप अपनी अग्रिम जमानत के लिए माननीय उच्च न्यायालय तक भी गया था।

अब देखना यह है कि पुलिस कमिश्नर अपने अधिकारी को बचाते हैं या अदालत में उन द्वारा बरती गई लापरवाही में एसीपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हैं। वहीं एसीपी नवीन शर्मा पीड़ितों की सीएम विंडो की जांच पड़ताल करने में भी लापरवाही कर चुके हैं,जो मामले भी काफी चर्चा में रहे हैं।

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