गुरुग्राम के थाना पालम विहार SHO पर लगे धोखाधड़ी के मामले में लीपापोती करने के आरोप।
सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
वैसे तो पुलिस विभाग में तैनात भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों पर पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई न करने तथा मोटी सुविधा शुल्क के चलते सही प्रकार से मामले में जांच पड़ताल न करने के आरोप लगते रहते हैं। वहीं जमीनों में हुई धोखाधड़ी तथा रिश्वत लेने के मामलों में भी कई जांच अधिकारी जेल की हवा भी खा चुके हैं। जिससे जहां पुलिस विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है वहीं पीड़ितों को न्याय न मिलने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे ही एक धोखाधड़ी के मामले में थाना पालम विहार के एसएचओ पर दोषियों से साज बाज होकर मामले में लीपापोती करने के आरोप लगे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेक्टर 21 निवासी पीड़ित विजय ने उसके साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा नंबर.129/ 2022 थाना पालम विहार में दर्ज कराया था। एफआईआर के अनुसार बताया गया है कि पीड़ित वर्ष 2018 में एक प्रोपर्टी की तलाश में था तभी अप्रैल माह में श्याम सुन्दर, राजीव, संवीन नामक व्यक्ति मेरे पास आए और मुझसे कहने लगे की हमें पता चला है कि आप एक मकान खरीदना चाहते है और श्याम सुन्दर एक प्रोपर्टी बेचना चाहता है इन सभी लोगाँ ने मुझे अपनी प्रोपर्टी ई-2 / 2. बसंत विहार दिल्ली के कागज दिखाए। इन कागजात के अनुसार यह प्रोपर्टी कमला शर्मा पत्नी श्री केदार नाथ शर्मा के नाम थी जो जीपीए दिनांक 15.05.2001 श्री नरेन्द्र सिंह पुत्र श्री रवि सिंह निवासी 10 आकृति हाउसिंग सोसायटी आईपी एक्सटेंशन दिल्ली के नाम कर दी और नरेन्द्र ने जीपीए दिनांक 07.07.2003 को यह मकान श्याम सुन्दर के नाम कर दिया। उपरोक्त चारों व्यक्तियों ने मुझे बताया कि वर्ष 2003 से वह इस प्रोपर्टी में रह रहे है और यह जायदाद हर प्रकार से साफ है,इस प्रोपर्टी पर किसी प्रकार का कोई लोन व मुकदमा आदि नहीं है। यह मकान 400 वर्गगज का है तथा एक मंजिल पुरानी बनी हुई थी। यह मकान मैंने देखा और पंसद आने पर यह खरीदने की इच्छा जताई। मैंने उपरोक्त लोगों से कहा की में इस जायदाद के बारे में पूछताछ करके आपको बता दूंगा। इस पर सवीन ने मुझे कहा कि वह एक सरकारी मुलाजिम है और गलत काम नहीं करेगा। गीता दुआ ने मुझसे कहा कि वे लोग शरीफ लोग है और समाज के उनकी काफी अच्छी छवि है, उपरोक्त लोगों ने मुझे कहा कि श्याम सुन्दर को पैसे की जरूरत है इस वजह से वह यह जायदाद बेचना चाहते और मुझे उपरोक्त सभी लोगों ने अपनी बातों में फंसा कर इस कोठी का सौदा 6 करोड रु० में कर लिया। मैंने 50 लाख रू० मार्फत आरटीजीएस श्याम सुन्दर दुआ के खाता में करा दी और एक एग्रीमेन्ट टू सेल बनाकर रजिस्टरी कराने की बात करने लगा परन्तु ये लोग कभी किसी बात से तो कभी किसी और बात पर रजिस्टरी टालते रहे। जब रजिस्टरी ना हुई तो मैंने इस जायदाद के बारे में गहनता से पता करी और मुझे पता चला कि दोनों जीपीए जिसमे पहली जो कमला शर्मा से नरेन्द्र सिंह के नाम और दूसरों और जो नरेन्द्र सिंह से श्याम सुन्दर के नाम आई है, दोनों फर्जी है और कहीं भी रजिस्टर्ड ना है। इस बारे में मेने राजीव जाखड से बात करी क्योंकि श्याम सुन्दर, गीता मेरे फोन नहीं उठा रहे थे तो राजीव जाखड ने मुझे धमकी दी की तुझे देख लेंगे। जब मैंने सवीन, राजीव जाखड़, श्याम सुन्दर से अपने पैसे वापिस मांगे तो सवीन ने मुझे धमकी दी कि वह तिहाड़ जेल में जेलर लगा हुआ और हर तरीके के आदमी से दोस्ती है और अगर अपने पैसे वापिस मांगे या पुलिस में शिकायत की तो मुझे जान से मरवा देंगे। मैंने जब अपने पैसो के बारे जोर दिया तो सवीन और राजीव जाखड कई आदमियों के साथ मेरे घर पर आकर जान से मारने की धमकी देकर डराया और कई बार धमकिया मुझे मेरे फोन पर भी दी। दोषियों ने मेरे साथ धोखाधड़ी करके 50 लाख रु० हड़प लिए। मुझे बाद में यह भी पता चला कि उपरोक्त मकान पर कोई विवाद भी चल रहा है। जिसकी दरखास्त पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर सहित अन्य अधिकारी को भेजी थी जिस पर थाना पालम विहार ने धोखाधड़ी, धमकी सहित संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा तो दर्ज कर लिया था । मगर दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय साज बाज होकर मामले में लीपापोती करने में जुटी हुई है।
जब इस मामले में थाना प्रभारी से उनके मोबाइल पर बात की गई तो उनका कहना था कि वह अभी अदालत में है, इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करा सकते हैं। वहीं बार बार थाने के लैंडलाइन नंबर पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और ना ही गुरुग्राम पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने ही कोई अपडेट कार्रवाई बारे बताया। पुलिस प्रवक्ता का कहना था कि थाना प्रभारी अभी कोर्ट गए हुए हैं आपको कुछ देर बाद जानकारी दे देंगे। मगर कई घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस विभाग की तरफ से कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हुई, इसलिए उनका पक्ष नहीं लिखा जा सका।