राष्‍ट्रीय

Haryana : कांग्रेस व कांग्रेस के बागी नेताओ के समर्थकों के बीच झड़प।

सत्य खबर, फरीदाबाद ।

फरीदाबाद में बागी कांग्रेसी नेता के समर्थकों ने कांग्रेस प्रत्याशी के भाई के साथ हुई धक्का-मुक्की। साथ ही कुछ नॉमिनेशन के पेपर भी लेकर भाग गए। बल्लभगढ़ में आज कांग्रेस से बागी हुई कांग्रेस नेता शारदा राठौर ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ निर्दलीय नामांकन भरने के लिए पहुंची थी।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रत्याशी पराग शर्मा भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से अपना नामांकन भरने के लिए पहुंची थी। दोनों ही प्रत्याशी नामांकन कक्ष में चले गए जानकारी में बताया गया कि कांग्रेस प्रत्याशी का नॉमिनेशन फॉर्म के कुछ कागज छूट गए थे।

Kannada language controversy: बेंगलुरु में महिला ने ऑटो ड्राइवर को चप्पल से मारा! महिला की हरकत पर सोशल मीडिया में हंगामा
Kannada language controversy: बेंगलुरु में महिला ने ऑटो ड्राइवर को चप्पल से मारा! महिला की हरकत पर सोशल मीडिया में हंगामा

इसके बाद जब उन कागजों को कांग्रेस प्रत्याशी पराग शर्मा ने अपने भाई वैभव शर्मा से मंगवाया, तो गेट पर जैसे ही वो कागज लेकर पहुंचे। बागी नेता के समर्थक यह सोच बैठे की यह भी अपना नामांकन भरने वाला है। इतने में सभी वैभव से बदतमीजी से बोलना शुरू कर दिया। देखते देखते समर्थक धक्का मुक्की करने लगे ओर वैभव के हाथ से नॉमिनेशन से जुड़े कागज भी छीन लिया।

इसके बाद समर्थक कांग्रेस प्रत्याशी के भाई वैभव के साथ धक्का मुक्की करते हुए जोर-जोर नारे लगाने लगे। नारों की आवाज पुलिस के कानों तक पहुंची पुलिस तुरंत गेट पर आकर पुलिस ने सभी समर्थकों को वहां से भगा दिया और पूरे मामले को शांत करवाया।

बता दे कि आज नामांकन का आखिरी दिन था। ऐसे में सभी उम्मीदवार अपना नामांकन करने के लिए अपने-अपने विधानसभा में पहुंचे थे। बल्लभगढ़ विधानसभा में भी कांग्रेस की टिकट के उम्मीद में बैठी शारदा राठौर की कांग्रेस टिकट नहीं। जिसके बाद शारदा राठौर कांग्रेस से बागी होकर बल्लभगढ़ से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन भर दिया है। वहीं कांग्रेस ने अपना बल्लभगढ़ विधानसभा का टिकट पराग शर्मा को दिया।

Delhi Airport पर IndiGo flight में टर्बुलेंस का खौफनाक अनुभव! मई में दूसरी बार इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस का शिकार
Delhi Airport पर IndiGo flight में टर्बुलेंस का खौफनाक अनुभव! मई में दूसरी बार इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस का शिकार

Back to top button