Haryana Govt Rules: हरियाणा में नर्सरी लगाने वालों को लेना होगा लाइसेंस, देनी होगी इतनी फीस
Haryana Govt Rules: हरियाणा में अब बागवानी के लिए तैयार किए जाने वाले पौधों की नर्सरी का संचालन करने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी।

Haryana Govt Rules: हरियाणा में अब बागवानी के लिए तैयार किए जाने वाले पौधों की नर्सरी का संचालन करने के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी। यदि किसी ने बिना लाइसेंस के नर्सरी शुरू की या तय नियमों का उल्लंघन किया, तो एक वर्ष तक की जेल और एक लाख रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा।
यदि कोई कंपनी इन नियमों का उल्लंघन करती है, तो उसके निदेशक, प्रबंधक और अन्य अधिकारी भी सजा भुगतेंगे। इसे लेकर सरकार की ओर से हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक लाने की तैयारी कर ली है।
5 वर्ष तक मान्य होगा लाइसेंस
राज्य में हरियाणा फल पौधशाला अधिनियम-1961 लागू है। इसमें सिर्फ फलिय पौधों के लिए ही कानून बना हुआ है। उसमें उल्लंघना पर 10 हजार रुपए का जुर्माना है। अब नए विधेयक सब्जियां, मसाले, फूल, औषधीय सुगंधित पौधे भी शामिल किए जाएंगे।
एक बार लिया गया लाइसेंस 5 वर्ष के लिए वैध माना जाएगा। सरकार का नए कानून के लिए मानना है कि इससे कोई गलती नहीं करेगा। जिससे उत्पादक या किसान को आर्थिक नुकसान नहीं होगा।
लाइसेंस बनवाने के लिए देनी होगी फीस
नर्सरी शुरू होने से पहले अधिकारी निरीक्षण करेगा। सबकुछ ठीक मिलने पर ही लाइसेंस दिया जाएगा। इसके लिए फीस तय होगी। साथ ही यदि कोई दूसरी जगह उसी नाम से नर्सरी शुरू करना चाहता है तो उसके लिए भी फीस देकर मंजूरी लेनी होगी।
नर्सरी शुरू होने के बाद भी अधिकारी निरीक्षण करेंगे। गलती मिलने पर लाइसेंस निलंबित हो सकता है। यदि निलंबन के दौरान कोई नर्सरी का संचालन करता है, तो उसके पौधे ही नष्ट कर दिए जाएंगे। यदि किसी का लाइसेंस पत्र खराब हो जाता है या गुम हो जाता है तो दोबारा पाने के लिए भी फीस देनी होगी।
10 वर्ष तक रखना होगा पौधों का रिकॉर्ड
नर्सरी मालिक को पौधों का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा। इसमें फलिय पौधों का रिकॉर्ड 10 वर्ष, तो बागवानी पौधों को रिकॉर्ड 2 वर्ष तक रखना होगा। इसके अलावा नर्सरी में पौधों की संख्या, प्रकार और कीमत डिस्प्ले करना होगा। नई उप किस्म तैयार करने से पहले मंजूरी लेनी होगी। पौधों की पैकिंग पर क्यू आर कोड देना होगा।
नर्सरी संचालक को कोई बिल के अनुसार पौधे या पौध सामग्री नहीं देता है, तो उसके लिए भी इस विधेयक में मुआवजे का प्रावधान किया जा रहा है। उसे जितना नुकसान होगा, उसके बराबर मुआवजा दिया जाएगा। सरकार जल्द ही ऐसा विधेयक लोने की तैयारी में है।