Haryana News: ACB की महिला DSP ने संभाली कमान! जंगलों में छिपे अवैध रास्तों की तलाश शुरू

Haryana News: फिरोजपुर झिरका के बसाइमेव गांव में मंगलवार को अवैध खनन की जांच का नया दौर शुरू हुआ। हरियाणा सरकार द्वारा इस केस की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपे जाने के बाद महिला डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। उनके साथ वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। टीम ने लगभग तीन घंटे तक गांव में रहकर ड्रोन के जरिए अवैध सड़कों और खनन क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान वन विभाग के अधिकारी सोहित धूल भी वहां मौजूद थे। लंबे समय से प्रशासन पर अवैध खनन को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे और अब यह मामला गंभीरता से लिया जा रहा है।
ड्रोन से की गई अवैध सड़कों की मैपिंग
जांच टीम ने ड्रोन की मदद से उन अवैध सड़कों की मैपिंग की जो पहले अरावली की पहाड़ियों में बनाई गई थीं। बताया गया कि दो से तीन किलोमीटर लंबी ये सड़कें छपरा और नांगल राजस्थान जाने के लिए गलत तरीके से बनाई गई थीं। इन सड़कों के माध्यम से बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा था। प्रशासन ने पिछले हफ्ते इन दोनों सड़कों को रद्द कर दिया था। जांच अधिकारियों ने उन इलाकों का गहराई से निरीक्षण किया जहां खनन का संदेह है। ड्रोन फुटेज और मैपिंग के आधार पर अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जांच में वन विभाग की भी अहम भूमिका
सुबह करीब 10:30 बजे महिला डीएसपी और वन विभाग की टीम बसाइमेव गांव पहुंची। वन विभाग के अधिकारियों ने अरावली क्षेत्र की सीमाएं और खनन क्षेत्र की पहचान में मदद की। ड्रोन की सहायता से टीम ने पूरे इलाके का सर्वे किया और हर उस स्थान को चिह्नित किया जहां अवैध खनन हुआ है या हो रहा है। इस कार्रवाई का पूरा रिकॉर्ड तैयार किया गया ताकि आगे किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही में इसका उपयोग किया जा सके। जांच के दौरान स्थानीय लोगों से भी कुछ जानकारी ली गई जिससे कई पुराने मामलों की परतें खुलने की संभावना जताई जा रही है।
पूर्व अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
सूत्रों के अनुसार इस खनन केस में कई पूर्व अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ सकते हैं। जांच टीम ने जिन दस्तावेजों और इलाकों की जांच की है उनमें स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि बिना अनुमति के सड़कें बनाई गईं और खनन का काम किया गया। यह भी कहा जा रहा है कि मामले की तह तक जाकर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार द्वारा एसीबी को जिम्मेदारी सौंपने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि इस बार जांच केवल कागजों तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि दोषियों पर सजा भी तय की जाएगी।