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Haryana News: रेनू भाटिया का बड़ा बयान, लिव-इन कानून को बताया गलत, रेप केसों में छुपी साजिश का किया खुलासा

Haryana News: हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि यह कानून गलत तरीके से पास हुआ है। उनके मुताबिक करीब 60 प्रतिशत मामलों में लड़का और लड़की आपसी सहमति से साथ रहते हैं लेकिन जब रिश्ते में खटास आती है तो रेप का केस दर्ज कर दिया जाता है। रेनू भाटिया ने कहा कि वह इस कानून के पूरी तरह खिलाफ हैं और अगर कभी मौका मिला तो वह इसके विरोध में ज़रूर आवाज़ उठाएंगी। यह बात उन्होंने मंगलवार को एक स्टॉप सेंटर के निरीक्षण के दौरान कही। उन्होंने बताया कि इस साल आयोग में 7500 मामले आए हैं जिनमें से 800 केस कोर्ट तक पहुंचे हैं जबकि बाकी का निपटारा आयोग में ही कर दिया गया। इन मामलों में 20 प्रतिशत केस फर्जी पाए गए जो कि ज़्यादातर संपत्ति विवाद से जुड़े थे।

हरियाणा महिला आयोग में 100 प्रतिशत मामलों का निपटारा हो रहा

रेनू भाटिया ने कहा कि हरियाणा महिला आयोग में 100 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया जा रहा है। किसी भी शिकायतकर्ता को पांच से छह बार सुनवाई का मौका दिया जाता है ताकि किसी को भी न्याय से वंचित न रहना पड़े। उन्होंने बताया कि एनआरआई मामलों की संख्या भी बढ़ रही है। अब तक 22 ऐसे केस सामने आ चुके हैं जिनमें लड़कियों की शादी के बाद लड़के विदेश चले गए। उन्होंने कहा कि यह गलत है और इस मुद्दे को जब उन्होंने उठाया तो उन्हें और उनके परिवार को धमकियां तक दी गईं। इसके अलावा ‘डंकी’ रूट से विदेश जाने के मामलों पर भी उन्होंने चिंता जताई और कहा कि गलत तरीके से विदेश जाने वालों को खुद सोचना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं।

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लड़कियों को खुद में बदलाव लाने की जरूरत है

रेनू भाटिया ने सेमिनार में बोलते हुए कहा कि लड़कियों को भी खुद में बदलाव लाने की जरूरत है। अगर वे किसी के साथ दोस्ती करती हैं और उसके साथ कहीं जा रही हैं तो यह उनकी अपनी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि दूसरों पर दोष डालना ठीक नहीं है। अगर कोई व्यक्ति गलत इरादों से नज़दीक आ रहा है तो उसकी नीयत को पहचानिए और उसे जवाब दीजिए। जब हम रोडवेज की बस में चढ़ते हैं तो हम भी समझते हैं कि कौन कैसा है। अगर कोई गलत नज़र से देख रहा है तो तुरंत चेतावनी दीजिए। रेनू भाटिया डीएवी गर्ल्स कॉलेज में आयोजित विधिक और पॉक्सो एक्ट से जुड़े सेमिनार में बोल रही थीं। उन्होंने माना कि लड़कियों के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन अगर थोड़ी सी जागरूकता और सतर्कता रखी जाए तो इन्हें काफी हद तक रोका जा सकता है।

वन स्टॉप सेंटर की लापरवाही पर जताई नाराजगी

मंगलवार दोपहर तीन बजे रेनू भाटिया ने महिला एवं बाल विकास विभाग परिसर में स्थित वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने वहां मौजूद रजिस्टर की जांच की और प्रभारी बिंदु से केसों की फॉलोअप रिपोर्ट मांगी। लेकिन प्रभारी इन सवालों के जवाब नहीं दे पाईं। इसके बाद चेयरपर्सन ने खुद ही मोबाइल से चार से पांच केसों में कॉल करके जानकारी ली। एक मामले में उन्होंने जांच अधिकारी पवन कुमार से बात की और उस लड़की के बारे में पूछा जिसे वन स्टॉप सेंटर से ले जाया गया था लेकिन अधिकारी उस लड़की के बारे में कुछ नहीं बता सके। इस पर उन्होंने कहा कि सिर्फ चार महीने हुए हैं और आप भूल कैसे सकते हैं। एक केस में पीड़िता के पिता का नाम तक रजिस्टर में नहीं लिखा गया था। इस पर चेयरपर्सन ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और कहा कि इस तरह की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह बयान और दौरा न सिर्फ महिला आयोग की सक्रियता दिखाता है बल्कि यह भी साबित करता है कि आयोग अब केवल कागज़ी कार्रवाई तक सीमित नहीं रह गया है। ऐसे मुद्दों पर खुलकर बोलना और व्यवस्था की कमियों को सामने लाना समाज में बदलाव की दिशा में एक जरूरी कदम है।

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