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Haryana : पानीपत वासी नवदीप का पैरालंपिक में जीता गया सिल्वर मेडल गोल्ड में बदला,जानिए कैसे

सत्य खबर, पानीपत ।
पैरा-एथलीट नवदीप सिंह ने पैरालंपिक खेलों में इतिहास रच दिया, जब शनिवार को पुरुषों की भाला फेंक एफ41 श्रेणी में उनका रजत पदक 47.32 मीटर की व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ दूरी के साथ स्वर्ण पदक में अपग्रेड हो गया, जिससे फ्रांस की राजधानी में भारत का सातवां स्वर्ण पदक जीत लिया. नवदीप शुरू में ईरानी बेत सयाह सादेघ के बाद प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्होंने 47.65 मीटर का पैरालंपिक खेलों का रिकॉर्ड बनाया था.

हालांकि, भारतीय भाला फेंकने वाले का पदक अपग्रेड कर दिया गया, क्योंकि ईरानी एथलीट को विश्व पैरा एथलेटिक्स नियम और विनियम (आचार संहिता और नैतिकता) के नियम 8.1 के उल्लंघन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था.नियम के अनुसार, ‘विश्व पैरा एथलेटिक्स (डब्ल्यूपीए) पैरा एथलेटिक्स के खेल में अखंडता, नैतिकता और आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. खेल में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों, जिनमें एथलीट, कोच, अधिकारी और प्रशासक शामिल हैं, जिनकी जिम्मेदारी है कि वे इन मानकों को बनाए रखें और यह सुनिश्चित करें कि खेल निष्पक्ष, ईमानदार और पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाए. इस प्रकार नवदीप ने पुरुषों की भाला फेंक F41 श्रेणी में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता. पैरालिंपिक खेलों में पुरुषों की भाला फेंक F41 श्रेणी में यह भारत का पहला स्वर्ण पदक है. इससे भारत के कुल पदकों की संख्या 29 (7 स्वर्ण, 9 रजत, 13 कांस्य) हो गई.

शनिवार को नवदीप ने एक फाउल के साथ शुरुआत की, इससे पहले कि वह दूसरे थ्रो में भाला 46.39 मीटर तक फेंकता, फिर तीसरे में इसे 47.32 मीटर तक फेंकता. एक फाउल के बाद नवदीप केवल 46.06 मीटर ही फेंक पाया और फिर एक और फाउल के साथ अपना अभियान समाप्त कर दिया. चीन के सन पेंगजियांग ने 44.72 मीटर में रजत पदक जीता, जबकि इराक के वाइल्डन नुखैलावी को 40.46 मीटर में कांस्य पदक मिला.

पानीपत के है नवदीप
हरियाणा के पानीपत के एक प्रतिभाशाली पैरा-एथलीट नवदीप ने खेल की दुनिया में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए अपने छोटे कद की चुनौतियों को पार किया है. 24 वर्षीय ने अपनी शिक्षा यूनिक पब्लिक स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की, जहां उन्होंने बी.ए. हिंदी (ऑनर्स) की पढ़ाई की. अपने पिता से प्रेरित होकर, जो एक राष्ट्रीय स्तर के पहलवान थे, नवदीप ने केवल भाला फेंक पर ध्यान केंद्रित करने से पहले एथलेटिक्स में अपनी खेल यात्रा शुरू की.

उन्होंने 2017 में पेशेवर कोचिंग प्राप्त की और उस वर्ष एशियाई युवा पैरा खेलों में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया, जहां उन्होंने भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीता. वह टोक्यो पैरालिंपिक खेलों में चौथे स्थान पर रहे थे और हांग्जो में एशियाई पैरा खेलों में भी उनका यही हश्र हुआ था. नवदीप ने राष्ट्रीय स्तर पर पांच स्वर्ण पदक जीते हैं. 2021 में उन्होंने दुबई में फ़ज़ा इंटरनेशनल चैंपियनशिप में भाग लिया और स्वर्ण पदक हासिल किया.

म्हारे छोर नवदीप ने पेरिस पैरा ओलम्पिक में गाढ़ा लठ्ठ

पैरिस में आयोजित पैरा ओलम्पिक में भारतीयों ने समापन से पहले तक पदक जीतने का सिलसिला जारी रहा। जिसके तहत हरियाणा प्रदेश के पानीपत जिला के गांव बुआना लाखू के नवदीप मलिक ने पेरिस में आयोजित पैरा ओलम्पिक में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रचा है। नवदीप के गोल्ड मेडल जीतने पर हर जिला वासी खासकर बुआना लाखू वासी खुशी से झूम उठे। उन्होंने एफ स्पर्धा 41 में भाला फेंक कर पदक जीता है। उल्लेखनीय यह है कि नवदीप ने टोकियो पैरा ओलम्पिक में चौथा स्थान हासिल किया था पर नवदीप लगातार महेनत कर रहे थे। नवदीप के पिता दलबीर सिंह उर्फ दलूरा सैक्रटरी का ठीक आज से तीन महीने पहले बीमारी के चलते निधन हो गया था पर नवदीप के भाई मनदीप ओर उसकी मां ने हमेशा नवदीप को आगे बढऩे की प्रेरणा दी। उसी का परिणााम है कि आज अपने पापा के सपनों को नवदीप ने पूरा कर दिया। बता दें कि कल सात सितंबर को नवदीप की मां ने व्रत था तथा हर रोज की तरह सात सितम्बर को भी गांव के तपेश्वर धाम मंदिर में पहुंची ओर नवदीप के मेडल जीतने की मनत मांगी । वहीं जब रात को खेल शुरू हुआ तो उसकी मां मुकेश देवी भजन पर बैठ गई। तथा जब तक मैडल जीतने की खुशी उसकी पुत्र वधु ओर बेटे मनदीप ने उसे दी तब तक भगवान के भजन करती रही। वहीं रविवार को सुबह वह मंदिर पहुंची प्रसाद चढ़ाया तथा भगवान का आभार जताया। इसके अलावा गोल्ड मेडल जीतने की खुशी में क्षेत्र वासियों ने जहां नवदीप के परिजनों को बधाई दी वहीं गांव की महिलाओं ने मंगल गीत गाये।

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