हरियाणा-पंजाब पानी विवाद: सर्वदलीय बैठक शुरू, हरियाणा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में

हरियाणा और पंजाब के बीच लंबे समय से चला आ रहा पानी का विवाद एक बार फिर गर्मा गया है। इस मुद्दे को लेकर हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सैनी कर रहे हैं। बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता और प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान, आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता, इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा, विधायक आदित्य देवीलाल, जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला, और पूर्व विधायक अमरजीत ढांडा मौजूद हैं। इससे यह स्पष्ट है कि पानी के मसले पर हरियाणा की तमाम पार्टियां एक मंच पर आकर राज्यहित की बात कर रही हैं।
इसके अलावा सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी, कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा, श्याम सिंह राणा और अरविंद शर्मा जैसे वरिष्ठ मंत्रीगण भी बैठक में भाग ले रहे हैं। हरियाणा के एडवोकेट जनरल परमिंदर चौहान, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित हैं।
सरकार ने इस बैठक के जरिए एक अहम फैसला लिया है। हरियाणा अब पानी न मिलने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर चुका है। सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने पुष्टि की है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सभी तथ्यात्मक और कानूनी दस्तावेज प्रस्तुत करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी मजबूती से हरियाणा के हक की लड़ाई लड़ेगी।
यह बैठक हरियाणा के लिए एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक संकेत है कि पानी के मुद्दे पर सियासी मतभेदों को दरकिनार कर सभी दल एकजुट हैं। वहीं, अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार किन तर्कों और तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखती है और आगे इस विवाद का समाधान किस दिशा में बढ़ता है।