सत्यखबर, चंडीगढ़। Haryana ranks number one in unemployment: Deepender Hooda
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मौजूदा BJP-JJP सरकार सोची समझी साजिश के तहत गरीब, किसान, मध्यम वर्ग, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा के सारे दरवाजे बंद कर रही है। इस सरकार ने पहले 5000 सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया, फिर MBBS फीस 2 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दिया और अब यूनिवर्सिटीज की ग्रांट बंद करके उन्हें निजीकरण की तरफ धकेल रही है।
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विश्वविद्यालयों की ग्रांट बंद करके इस सरकार ने गरीब परिवारों के होनहार बच्चों की उच्च शिक्षा का सपना चूर-चूर कर दिया है। ऐसा करके इस सरकार ने अपने असली रूप को दिखा दिया है कि वो गरीबों की दुश्मन है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर स्तर पर इसका विरोध करेगी। प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने पर शिक्षा विरोधी तमाम फैसलों को खारिज किया जाएगा। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि विश्वविद्यालयों की ग्रांट बंद करने वाले फैसले को तुरंत वापिस ले सरकार, अन्यथा कांग्रेस सरकार बनने पर हम इन्हें वापिस लेंगे।
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दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बेरोजगारी में नंबर 1 बन चुका हरियाणा अब देश में सबसे महँगी शिक्षा में भी नम्बर-1 बन गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की युवा व शिक्षा विरोधी नीतियों ने हुड्डा सरकार के समय सस्ती और सुलभ उच्च शिक्षा वाले हरियाणा को देश में सबसे महँगी शिक्षा वाला प्रदेश बना दिया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार पिछले 9 साल से प्रदेश के सरकारी शिक्षा तंत्र को तबाह कर रही है। उच्च शिक्षा को युवाओं के लिये सस्ता और सुलभ बनाने की बजाय उसे महंगा कर प्रदेश के छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। मौजूदा सरकार सब कुछ बेचने की राह पर चल रही है।
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पहले निजी संस्थाओं का सरकारीकरण किया जाता था लेकिन भाजपा राज में सरकारी संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है। निजीकरण के नाम पर इस सरकार ने जहाज बेच दिए, हवाई अड्डे बेच दिए, सरकारी होटल बेच दिए, रेल बेच दी, चिकित्सा बेच दी, सड़क बेच दी, खेल स्टेडियमों, बिजली पारेषण लाइनों और गैस पाइपलाइनों सहित देश की संपत्ति को निजी कंपनियों को सौंप दिया। सरकार के कार्य-कलापों से ऐसा लगता है जैसे ये सरकार न होकर के प्राइवेट कंपनी हो। यदि सब कुछ प्राइवेट हाथों में ही देना है तो फिर सरकार की क्या जरूरत है। युवा अगर शिक्षित नहीं होंगे तो मायूस होकर अपराध के दलदल में फंस सकते हैं।
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उन्होंने कहा कि अब हरियाणा सरकार ने सभी यूनिवर्सिटी को अपने खर्च खुद वहन करने के निर्देश वाला पत्र भेजकर उच्च शिक्षा पर सीधा हमला बोल दिया है। इस तरह से गरीब परिवारों से शिक्षा का अधिकार छीना जा रहा है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 150% तक फीस बढ़ोतरी किये जाने से विद्यार्थियों और उनके परिवारों में जबरदस्त रोष है। गरीब परिवारों के बच्चे ग्रांट बंद होने से बढ़ी हुई भारी भरकम फीस कैसे चुकाएंगे। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि देश का सर्वोच्च न्यायालय भी मानता है कि “शिक्षा को मुनाफा कमाने का जरिया नहीं बनाया जा सकता”। लेकिन इस सरकार ने शिक्षा को व्यापार बना दिया है। व्यापार करना सरकार का काम नहीं है। सरकार का काम है सस्ती और बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराना।
सांसद दीपेन्द्र ने आगे कहा कि देश व दुनिया में वहीं समाज तरक्की करता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहता है इसी को ध्यान में रखते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने एससी, पिछड़ा वर्ग व गरीब समाज के बच्चों को शिक्षित करने के लिए हरेक गांव और मोहल्ले में सरकारी स्कूल खोले। 20 लाख बच्चों के लिए पहली से 12वीं क्लास तक वजीफे की योजना शुरू की। उच्चतर शिक्षा में भी ₹14,000 रुपये महीने तक स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गई। पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय महत्त्व के कई उच्च शिक्षण संस्थान खोलकर प्रदेश को शिक्षा का हब बना दिया था। लेकिन इस सरकार ने शिक्षा का हब बने हरियाणा को अपराध का हब बना दिया। Haryana ranks number one in unemployment: Deepender Hooda