हरियाणा

हरियाणा: डीएसपी से भाजपा नेता द्वारा माफी मंगवाने का मामला तूल पकड़ता गया, अखिलेश यादव ने साधा निशाना

हरियाणा के सिरसा जिले में एक कार्यक्रम के दौरान जो हुआ, वह अब राज्य ही नहीं, बल्कि देश भर में चर्चा का विषय बन गया है। मामला 27 अप्रैल का है, जब सिरसा में मुख्यमंत्री सैनी की साइक्लोथॉन यात्रा के दौरान सुरक्षा में लगे डीएसपी जितेंद्र राणा ने एक व्यक्ति को स्टेज से हटाया। यह व्यक्ति और कोई नहीं, बल्कि उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल प्रोफेसर गणेश लाल के बेटे मनीष सिंगला थे। पहचान न होने के चलते डीएसपी ने उन्हें मंच से बाहर का रास्ता दिखाया, लेकिन इसके बाद जो घटनाक्रम चला, उसने पूरे हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी।

घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें देखा गया कि भाजपा के नेताओं ने डीएसपी से मनीष सिंगला के सामने माफी मंगवाई। डीएसपी जितेंद्र राणा ने ऑन कैमरा माफी मांगी, जिसके बाद यह मुद्दा राजनीतिक रंग ले बैठा।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की एंट्री

मामले ने जब तूल पकड़ा, तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इसमें कूद पड़े। उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट करते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि, “क्या भाजपा एक कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी को कैमरे के सामने माफी मंगवाकर पुलिस बल का मनोबल नहीं तोड़ रही है? यह अत्यंत निंदनीय है।”

उनके इस बयान ने मामले को और भी गर्मा दिया और अब विपक्षी पार्टियां भाजपा को घेरने में जुट गई हैं।

जजपा नेता ने भी साधा निशाना

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जजपा नेता दिग्विजय चौटाला ने भी इस मुद्दे पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि, “सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा एक पुलिस उपाधीक्षक से माफी मंगवाना और उसका वीडियो वायरल करवाना बेहद शर्मनाक है। अफसर ने अपनी ड्यूटी निभाई थी, सत्ता के नशे में चूर नेताओं ने उसे अपमानित किया है। पुलिस फोर्स का मनोबल तोड़ने का यह घिनौना प्रयास है।”

चौटाला ने आगे मांग की कि डीजीपी को स्वयं इस मामले का संज्ञान लेकर अपने अफसर और जवानों की गरिमा की रक्षा करनी चाहिए।

कैसे हुआ था पूरा घटनाक्रम

बताया जा रहा है कि 27 अप्रैल को सिरसा में आयोजित मुख्यमंत्री सैनी की साइक्लोथॉन यात्रा के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। इसी बीच मनीष सिंगला स्टेज पर पहुंचे। चूंकि उनके पास पहचान का कोई ठोस प्रमाण नहीं था और आयोजकों की सूची में भी उनका नाम नहीं था, इसलिए ड्यूटी पर तैनात डीएसपी जितेंद्र राणा ने उन्हें स्टेज से हटने को कहा। बाद में पता चला कि मनीष सिंगला उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल के पुत्र हैं।

यह बात भाजपा के नेताओं को नागवार गुजरी और उन्होंने डीएसपी से कैमरे के सामने माफी मंगवाई। इसके वीडियो के वायरल होते ही सियासी तूफान खड़ा हो गया।

भाजपा नेताओं की भूमिका पर सवाल

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अब सवाल उठ रहा है कि अगर कोई पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाता है, तो सत्ता में बैठे नेताओं को उससे माफी क्यों मंगवानी चाहिए? क्या यह सत्ता के घमंड का प्रदर्शन नहीं है? क्या इस तरह पुलिस बल का मनोबल नहीं गिराया जा रहा?

इस पूरे मामले ने न केवल हरियाणा बल्कि देश भर में यह बहस छेड़ दी है कि सत्ता में बैठे लोगों को अपने पद का इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों को अपमानित करने के लिए नहीं करना चाहिए।

आगे क्या?

फिलहाल पुलिस विभाग और राज्य सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन विपक्ष के हमलों और जनता के बीच गुस्से को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में सरकार को इस मुद्दे पर सफाई देनी पड़ सकती है।

मामले से जुड़ी हर नई जानकारी राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला रही है। सभी की नजर अब इस पर टिकी है कि डीएसपी जितेंद्र राणा के साथ न्याय होगा या सत्ता का दबाव हावी रहेगा?

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