Haryana: विनय नरवाल के पिता का बयान आया सामने, बोले- शांति की बात तभी जब पाकिस्तान बंद करे आतंक की फैक्ट्री

Haryana: भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों से चल रहे तनाव को अब विराम लग गया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों ने आपसी सहमति से तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम लागू करने का फैसला किया है। इस फैसले की घोषणा शनिवार 10 मई को हुई। हैरानी की बात यह रही कि इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी भारत या पाकिस्तान की बजाय सबसे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साझा की। उनके बयान के थोड़ी देर बाद भारतीय सेना ने भी इस फैसले की आधिकारिक पुष्टि कर दी। दोनों देशों के बीच बनी इस सहमति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता विजय नरवाल का भावुक बयान
हरियाणा के करनाल से ताल्लुक रखने वाले शहीद भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता विजय नरवाल ने संघर्षविराम के फैसले पर अपना रुख मीडिया के सामने साझा किया। उन्होंने कहा, “मैं इस संघर्षविराम को एक खास नजरिये से देखता हूं। जो हुआ वो बहुत ही दुखद था लेकिन मुझे लगता है कि भारत सरकार ने बहुत ही सटीक और प्रभावी जवाब दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने आतंकवाद को पनाह दी और कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया, उन्हें हमारी सरकार और सेना ने करारा जवाब दिया है। उनका बयान शांति की इस पहल में शहीदों की कुर्बानी की अहमियत को रेखांकित करता है।
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पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए थे 26 लोग, लेफ्टिनेंट विनय भी शहीद हुए
गौरतलब है कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले में भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शहीद हो गए थे। बताया गया कि विनय अपनी पत्नी के साथ शादी के बाद पहलगाम घुमने गए थे। वहां अचानक हुए आतंकवादी हमले में वे शहीद हो गए। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और इसके बाद ही भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई शुरू हुई। अब जब दोनों देश संघर्षविराम की तरफ बढ़े हैं, तो यह उन परिवारों के लिए राहत की बात है जो अपनों को खो चुके हैं।
विदेश सचिव ने दी जानकारी, शाम 5 बजे से बंद होंगी सैन्य कार्रवाई
भारत सरकार की ओर से विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी कि भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना द्वारा की जाने वाली सभी सैन्य गतिविधियां 10 मई की शाम 5 बजे से बंद कर दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय दोनों देशों की सहमति से लिया गया है और इसका उद्देश्य सीमा पर शांति बहाल करना है। उन्होंने यह भी साफ किया कि अगर दुश्मन देश की तरफ से संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया तो भारत पूरी तरह से जवाब देने को तैयार रहेगा। यह बयान भारतीय रुख की स्पष्टता को दर्शाता है जिसमें शांति की इच्छा के साथ-साथ आत्मरक्षा का संकल्प भी है।