हरियाणा

हरियाणा मौसम अपडेट : इन जिलों में जारी है बारिश का दौर इनमें गिर चुके हैं ओले

सत्य ख़बर, चण्डीगढ़ ।

हरियाणा में लगातार दूसरे दिन भी बारिश का दौर जारी है। पानीपत, करनाल, सोनीपत, नूंह और कुरुक्षेत्र में बारिश हो रही है। फतेहाबाद और महेंद्रगढ़ समेत कई जगह बादल छाए हुए हैं।

मौसम विभाग ने करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर में हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया हुआ है। ओलावृष्टि की भी संभावना है।

वहीं 19 जिलों में कोहरे का यलो अलर्ट है। इनमें पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी और चरखी दादरी शामिल हैं। यहां शीतलहर भी चलेगी।

Haryana Roadways Electric Bus Stand: हरियाणा के इस जिले में बन रहा इलैक्ट्रिक बस स्टैंड, जानिए कब बनकर होगा तैयार?

शुक्रवार को सबसे ज्यादा सोनीपत में 29 MM बारिश हुई। हिसार में दिसंबर माह में बारिश का 35 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। यहां 24 घंटे में 12 से 13MM बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार इससे पहले 1989 में 10 दिसंबर को 24 घंटे में 100MM बारिश रिकॉर्ड की गई थी।

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि बारिश के बाद नमी से फसलों में कीटों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में किसान फसलों की निगरानी करें और नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्रों व कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर ही फसल पर दवा का छिड़काव करें।

डॉ. खीचड़ के मुताबिक आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ सकती है। बारिश के बाद एकाएक धुंध और बढ़ेगी। 29 दिसंबर से हवा की दिशा बदलकर पूर्व से उत्तर-पश्चिम हो जाएगी। ऐसे में पहाड़ों की तरफ से हवा बहकर मैदानी इलाकों में प्रवेश करेगी। इससे दिन और रात दोनों का तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।

पश्चिमी विक्षोभ के चलते 29 दिसंबर से पूरे प्रदेश में सुबह के समय कोहरा छाने की संभावना है। इससे सुबह के समय आने-जाने वाले वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कोहरे के चलते प्रशासन की तरफ से वाहनों को आराम से चलाने का आह्वान किया गया है।

Haryana Weather Update: हरियाणा में गर्मी नें हाल किया बेहाल, 39 डिग्री से ऊपर पहुंचा पारा

27 दिसंबर को हिसार, सिरसा, भिवानी, फतेहाबाद और कैथल जिले के कई गांवों में ओलावृष्टि हुई। इससे फसलें पूरी तरह तबाह हो गई। सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं, सरसों और चने को हुआ। इसके अलावा सब्जियों की फसल भी इन जिलों में खराब हो गई है।

Back to top button