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यूपी 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में Supreme Court में आज सुनवाई, उम्मीदवारों की नजरें फैसले पर

 यूपी 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में आज Supreme Court में सुनवाई होगी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को स्थगित कर दिया था, जिसमें भर्ती की नई सूची जारी करने का आदेश दिया गया था। आज इस मामले की सुनवाई सामान्य श्रेणी के चयनित उम्मीदवारों की याचिका पर की जाएगी। यह मामला अक्टूबर से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।

क्या है मामला?

उत्तर प्रदेश सरकार ने 69 हजार शिक्षक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इस भर्ती परीक्षा का आयोजन जनवरी 2019 में किया गया था। परीक्षा के बाद, उम्मीदवारों को कटऑफ के आधार पर नौकरियां दी गई थीं। सामान्य श्रेणी के लिए कटऑफ 67.11% था, जबकि ओबीसी के लिए यह 66.73% था।

लेकिन, इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर कुछ उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि 19 हजार सीटों में धांधली की गई और भर्ती में ओबीसी को 27% आरक्षण मिलना चाहिए था, जबकि उन्हें सिर्फ 3.86% आरक्षण मिला। इसी तरह, एससी श्रेणी के उम्मीदवारों को 21% आरक्षण मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें केवल 16.6% आरक्षण दिया गया। इन आरोपों के बाद, एक शिकायत उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग में दर्ज की गई थी।

यूपी 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में Supreme Court में आज सुनवाई, उम्मीदवारों की नजरें फैसले पर

हाईकोर्ट का आदेश और सुप्रीम कोर्ट का स्थगन

उच्च न्यायालय ने इस मामले में आदेश दिया था कि एक नई मेरिट सूची जारी की जाए। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले को स्थगित कर दिया और अब इस पर सुनवाई की तारीख निर्धारित की गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अब आज होगी, जिसमें न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।

चुनाव प्रक्रिया में धांधली का आरोप

उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें आरक्षण के तहत उचित संख्या में सीटें नहीं दी गईं। ओबीसी उम्मीदवारों को 27% आरक्षण मिलना चाहिए था, जबकि उन्हें केवल 3.86% आरक्षण दिया गया। इसी तरह, एससी वर्ग के उम्मीदवारों को 21% आरक्षण मिलना चाहिए था, लेकिन उन्हें केवल 16.6% सीटें दी गईं। उम्मीदवारों का आरोप है कि यह भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से आरक्षण नीति का पालन नहीं कर रही थी और इसमें गड़बड़ी की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की शुरुआत

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अक्टूबर 2024 में शुरू हुई थी। इस मामले में अब तक कई तारीखों पर सुनवाई हो चुकी है और अब आज इस मामले की महत्वपूर्ण सुनवाई होगी। उम्मीदवारों की उम्मीदें इस सुनवाई से जुड़ी हुई हैं, क्योंकि इस फैसले से उनके भविष्य की दिशा तय हो सकती है।

UP 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले की समयसीमा

इस मामले की समयसीमा को देखते हुए, निम्नलिखित महत्वपूर्ण घटनाएं घटी हैं:

  • 5 दिसंबर 2018: 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया।
  • 6 जनवरी 2019: भर्ती परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें 4.10 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया।
  • 12 मई 2020: यूपी 69000 शिक्षक भर्ती का परिणाम घोषित किया गया। इसमें 1.47 लाख उम्मीदवार पास हुए। सामान्य श्रेणी के लिए कटऑफ 67.11% और ओबीसी के लिए 66.73% था।
  • मई 2020: इस मामले में उच्च न्यायालय की एकल पीठ में आरक्षण नियमों का पालन न होने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की गई।
  • 13 मार्च 2023: एकल पीठ ने मेरिट सूची को फिर से विचार करने का आदेश दिया और आरक्षण नियमों के बारे में कुछ टिप्पणी की।
  • 13 अगस्त 2024: उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने एकल पीठ के फैसले को रद्द किया और आरक्षण नियमों के तहत नई मेरिट सूची जारी करने का आदेश दिया।
  • 9 सितंबर 2024: सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगन आदेश दिया।

क्या होगा आज की सुनवाई का असर?

आज की सुनवाई इस मामले में अहम मोड़ ला सकती है। उच्च न्यायालय ने नई मेरिट सूची जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्थगित कर दिया था। अब इस मामले की सुनवाई के बाद, यह साफ हो जाएगा कि क्या सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के आदेश को बहाल करेगा या फिर किसी और दिशा में यह मामला जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने के बाद, इस मामले के जल्द निपटारे की उम्मीद की जा रही है, जिससे चयनित उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। उम्मीदवारों की नजरें इस फैसले पर टिकी हुई हैं, क्योंकि इसके बाद ही वे आगे की योजना बना सकेंगे।

उम्मीदवारों का पक्ष

इस मामले में चयनित उम्मीदवारों का कहना है कि उन्होंने सही तरीके से परीक्षा दी थी और उनकी मेहनत के फलस्वरूप उन्हें नौकरी मिली थी। लेकिन, अब आरक्षण के मामले में हुई गड़बड़ी से उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। इन उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें जो आरक्षण मिला है, वह सही नहीं है और इसे सुधारने की जरूरत है।

राजनीतिक दृष्टिकोण

यूपी 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में राजनीतिक दृष्टिकोण भी अहम है। इस मामले में विपक्षी दलों ने यूपी सरकार पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने आरक्षण नीति का सही तरीके से पालन नहीं किया और इसमें पक्षपाती रवैया अपनाया। इस मामले में विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह मामला केवल भर्ती प्रक्रिया का नहीं, बल्कि आरक्षण के अधिकारों का भी है, जो सरकार को पूरी तरह से लागू करना चाहिए था।

आज की सुनवाई इस मामले में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उम्मीदवारों का भविष्य तय होगा और यह भी साफ हो जाएगा कि क्या भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का सही तरीके से पालन हुआ था। इसके साथ ही, यह भी देखना होगा कि इस फैसले का सरकार पर क्या असर पड़ता है और क्या इससे अन्य भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार होगा

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