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Hero MotoCorp के एक्सपोर्ट्स में भी कमी, क्या यह स्थिति कंपनी को नुकसान पहुंचाएगी?

भारत की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों Hero MotoCorp, बजाज ऑटो और अशोक लेलैंड ने अप्रैल 2025 में अपने बिक्री आंकड़ों में गिरावट दर्ज की है। हीरो मोटोकॉर्प की थोक बिक्री में 43 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि बजाज ऑटो और अशोक लेलैंड की बिक्री में क्रमशः 6 प्रतिशत की कमी आई। इन कंपनियों ने अपने उत्पादन और बिक्री में विभिन्न कारणों के चलते गिरावट की जानकारी दी है।

Hero MotoCorp की थोक बिक्री में भारी गिरावट

Hero MotoCorp की थोक बिक्री अप्रैल 2025 में 3,05,406 यूनिट्स रही, जो पिछले साल के 5,33,585 यूनिट्स से 43 प्रतिशत कम है। कंपनी ने बयान जारी कर बताया कि उत्पादन की अस्थायी रोक की वजह से ये गिरावट आई है। 17 से 19 अप्रैल तक कंपनी ने अपने धारूहेड़ा, गुरुग्राम, हरिद्वार और नीमराणा संयंत्रों में उत्पादन रोक दिया था, जिससे बिक्री प्रभावित हुई। घरेलू बिक्री 5,13,296 यूनिट्स से घटकर 2,88,524 यूनिट्स रह गई, जबकि निर्यात में भी कमी आई और यह 16,882 यूनिट्स पर आ गया, जो पिछले साल के 20,289 यूनिट्स से कम है।

बजाज ऑटो की बिक्री में 6 प्रतिशत की गिरावट

बजाज ऑटो की अप्रैल 2025 में कुल बिक्री 3,65,810 यूनिट्स रही, जो पिछले साल के 3,88,256 यूनिट्स से 6 प्रतिशत कम है। कंपनी के अनुसार घरेलू बिक्री 11 प्रतिशत घटकर 2,20,615 यूनिट्स पर आ गई, जो पिछले साल के 2,49,083 यूनिट्स से कम है। हालांकि, निर्यात में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 1,45,195 यूनिट्स तक पहुंच गया, जो पिछले साल के 1,39,173 यूनिट्स से अधिक है। बजाज ऑटो ने कहा कि निर्यात के बढ़ने के बावजूद घरेलू बिक्री में गिरावट का मुख्य कारण देश में आर्थिक मंदी और घटती मांग हो सकती है।

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अशोक लेलैंड की बिक्री में कमी आई

वाणिज्यिक वाहन निर्माता अशोक लेलैंड की अप्रैल में कुल बिक्री 6 प्रतिशत घटकर 13,421 यूनिट्स रही, जो पिछले साल 14,271 यूनिट्स थी। कंपनी के बयान के अनुसार, घरेलू बिक्री 7 प्रतिशत घटकर 12,509 यूनिट्स रही, जबकि पिछले साल यह 13,446 यूनिट्स थी। मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 14 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 7,406 यूनिट्स रही, जबकि पिछले साल यह 8,611 यूनिट्स थी। हालांकि, हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि हुई और यह 5,103 यूनिट्स रही, जो पिछले साल के 4,835 यूनिट्स से अधिक है। अशोक लेलैंड का कहना है कि इस गिरावट का मुख्य कारण बाजार में मंदी और वाहन खरीदी में कमी है।

आगे की दिशा और चुनौतियाँ

इन तीन कंपनियों के बिक्री आंकड़ों में गिरावट को देखकर यह साफ है कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को इस साल कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, हर कंपनी की अपनी रणनीति है और वे उत्पादन में सुधार और नए मॉडल्स के साथ बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं। विशेष रूप से, निर्यात में वृद्धि और हल्के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में सुधार संकेत देते हैं कि भविष्य में स्थिति में सुधार हो सकता है।

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