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हरियाणा सीएम नायब सैनी के उप चुनाव के खिलाफ हाई कोर्ट ने याचिका की मंजूर, जानिए आगे क्या

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।                                                                        

हरियाणा के नए सीएम नायब सैनी की उम्मीदवारी वाली करनाल सीट पर विधानसभा उपचुनाव के खिलाफ याचिका को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग समेत केस से जुड़े दूसरे पक्षों को नोटिस जारी किया है। उन्हें 30 अप्रैल तक जवाब देने को कहा गया है।

करनाल विधानसभा सीट पूर्व सीएम मनोहर लाल खट़्टर के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। इस पर 25 मई को मतदान होना है। इससे पहले ही पंचकूला निवासी रविंदर सिंह ने एक जनहित याचिका दाखिल कर हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम होने की दलील देते हुए चुनाव रद्द करने की मांग की है। इसके लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाया गया है।

बता दें कि नायब सैनी को हरियाणा का सीएम बने रहने के लिए 6 महीने के भीतर विधायक बनना जरूरी है। चूंकि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल अभी इससे ज्यादा बचा है, इसलिए चुनाव लड़कर जीतना उनकी मजबूरी है।

इस याचिका में बीते दिनों आए महाराष्ट्र के अकोला उपचुनाव को रद्द करने के मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच के फैसले को आधार बनाया गया है। वहां पर भी विधानसभा कार्यकाल एक वर्ष से कम होने के चलते उपचुनाव रद्द करने का आदेश जारी किया गया है।

नियम के तहत जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151A के अनुसार यदि विधानसभा का कार्यकाल एक वर्ष से कम है तो चुनाव आयोग के पास उपचुनाव कराने का अधिकार नहीं होता है। महाराष्ट्र के अकोला के लिए भी चुनाव आयोग ने 15 मार्च को अधिसूचना जारी कर 26 अप्रैल को चुनाव करवाने का निर्णय लिया था।

कानून माहिर की बातें

एडवोकेट हेमंत कुमार का इस मामले में कहना है कि यदि मामला केवल एक विधानसभा सीट का होता तो चुनाव रोका जा सकता था, लेकिन यहां मामला मुख्यमंत्री से जुड़ा है जिन्हें 6 माह के भीतर चुनाव जीतना है। ऐसे में चुनाव आयोग को अधिकार है कि वह उपचुनाव करवा सकता है।

1986 में भी भिवानी जिले की तोशाम सीट पर ऐसे ही उपचुनाव कराया गया था। वर्ष 1999 में ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद गिरिधर गमांग के लिए भी एक वर्ष से कम अवधि के लिए विधानसभा उपचुनाव कराया गया था।

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