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किसान आंदोलन को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट की हरियाणा सरकार को फटकार,जानिए क्या कहा

सत्य खबर ,चंडीगढ़।
पंजाब के किसान अपने मांगों को लेकर हरियाणा से दिल्ली की ओर कूच आज शुरू कर दिया था। शभू और खनुरी बॉर्डर पर किसान पिछले कई दिनों से डटे हुए हैं। इस दौरान बुधवार को किसानों और सुरक्षा बलों के बीच जमकर झड़प हुई। इस सारे घटनाक्रम को लेकर हरियाणा सरकार हाईकोर्ट पहुंच गई थी। मगर हाईकोर्ट ने उक्त याचिका पर सख्त टिप्पणी की है।

हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट से पंजाब सरकार को कार्रवाई करने के लिए कहा था। हरियाणा सरकार का कहना था कि शंभू बॉर्डर पर किसान मोडिफाइड ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ मौजूद हैं। इससे कानून व्यवस्था को खतरा है। पंजाब सरकार उन पर कार्रवाई करे। मगर अब इसे लेकर हाईकोर्ट ने किसान आंदोलन मामले में सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की जिम्मेदारी है, हाई कोर्ट की नहीं।

13 फरवरी से किसान दिल्ली कूच करने की जिद पर अड़े शंभू और खनुरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। किसानों और केंद्र सरकार के बीच 4 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक मामला नहीं सुलझ सका है। जिसके बाद आज (21 फरवरी) किसानों ने शंभू और खनुरी की बैरिकेडिंग को खोदकर आगे बढ़ने का फैसला किया था। सुबह 11 बजे से ही किसान और सुरक्षा बल कई बार आमने सामने हुए। सुरक्षाबलों द्वारा आंसू गैस के गोले भी फेंके गए।

किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने अपनी पुख्ता तैयारी कर के बैठी है। हरियाणा पुलिस ने पंजाब और हरियाणा के बीच की सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है। किसानों के आज दिल्ली आह्वान के बाद हरियाणा पुलिस ने दोनों राज्यों की सीमाओं पर बैरिकेडिंग मजबूत कर दी है और सुरक्षा बलों की संख्या भी बढ़ा दी है। वॉटर कैनन गाड़ियों की भी विशेष व्यवस्था की गई है। वहीं, चंडीगढ़ में स्थित पंजाब और हरियाणा के सीएम के आवासों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।

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