hindu calendar of 20 December 2022
सत्य खबर ,नई दिल्ली ।
⛅दिनांक – 20 दिसम्बर 2022
⛅दिन – मंगलवार
⛅विक्रम संवत् – 2079
⛅शक संवत् – 1944
⛅अयन – दक्षिणायन
⛅ऋतु – हेमंत
⛅मास – पौष (गुजरात, महाराष्ट्र में मार्गशीर्ष)
⛅पक्ष – कृष्ण
⛅तिथि – द्वादशी रात्रि 12:45 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
⛅नक्षत्र – स्वाती सुबह 09:55 तक तत्पश्चात विशाखा
⛅योग – सुकर्मा 20 दिसम्बर प्रातः 03:21 तक तत्पश्चात धृति hindu calendar of 20 December 2022
⛅राहु काल – अपराह्न 03:18 से 04:38 तक
⛅सूर्योदय – 07:16
⛅सूर्यास्त – 05:59
⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:29 से 06:22 तक
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:11 से 01:04 तक
⛅व्रत पर्व विवरण –
⛅विशेष – द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
द्वादशी तिथि में तुलसी पत्त्ता तोड़ना निषेध है ।
🔸(१) लगभग ७०% बच्चों को पेट में कृमि की शिकायत होती है । इंजेक्शन और कैप्सूल के कोर्स करने के बाद भी कृमियों के सूक्ष्म जीवाणुओं के अंडे रह जाते हैं और समय पाकर फिर पनपते हैं ।
🔸सुबह खाली पेट पपीते के ७ बीज व तुलसी के ५-७ पत्ते लम्बा समय खिलायें (सप्ताह में ४-५ दिन) । पपीते का नाश्ता करायें । इससे कृमि तो जायेंगे, साथ ही उनके अंडे भी चले जायेंगे । तुलसी कृमियों को भगायेगी और बच्चा होनहार होगा, निरोग होगा । ७ वर्ष तक अगर बच्चे को निरोग रख पाओ तो फिर उसे कोई बीमारी चिपकेगी नहीं, आयी तो रुकेगी नहीं । साल -दो साल में फिर से ऐसा प्रयोग कर लीजिये । बड़ी उम्रवालों में १०० में से ५० व्यक्तियों को पेट में कृमि की शिकायत होती है । इसलिए खाते-पीते हुए भी उनका शरीर पुष्ट नहीं होता और कमजोरी-सी महसूस होती है । उनको भी यह प्रयोग करना चाहिए ।
🔸(२) सुबह उठते ही कुल्ला आदि करके बच्चे १० ग्राम गुड़ के साथ आधा ग्राम अजवायन-चूर्ण तथा बड़े २५ ग्राम गुड़ के साथ १ से २ ग्राम अजवायन-चूर्ण बासी पानी के साथ खायें । इससे आँतों में मौजूद सभी प्रकार के कृमि नष्ट हो जाते हैं । यह प्रयोग ३ दिन से एक सप्ताह तक कर सकते हैं ।
🔸शास्त्रों में तुलसी की महिमा🔸
🔹गरुड़ पुराण (धर्म काण्ड – प्रेत कल्पः 38.11) में आता है कि तुलसी का पौधा लगाने, पालन करने, सींचने तथा ध्यान, स्पर्श और गुणगान करने से मनुष्यों के पूर्व जन्मार्जित पाप जलकर विनष्ट हो जाते हैं ।
🔹ब्रह्मवैवर्त पुराण (प्रकृति खण्डः 21.43) में आता है कि मृत्यु के समय जो तुलसी पत्ते सहित जल का पान करता है, वह सम्पूर्ण पापों से मुक्त होकर विष्णुलोक में जाता है ।
🔹स्कन्द पुराण के अनुसारः जिस घर में तुलसी का बगीचा होता है (एवं प्रतिदिन पूजन होता है), उसमें यमदूत प्रवेश नहीं करते ।hindu calendar of 20 December 2022
🔹बासी फूल और बासी जल पूजा के लिए वर्जित हैं परन्तु तुलसीदल और गंगाजल बासी होने पर भी वर्जित नहीं हैं । (स्कन्द पुराण, वै. खं. मा.मा. 8.9)
🔹घर में लगायी हुई तुलसी मनुष्यों के लिए कल्याणकारिणी, धन पुत्र प्रदान करने वाली, पुण्यदायिनी तथा हरिभक्ति देने वाली होती है । प्रातःकाल तुलसी का दर्शन करने से (सवा मासा अर्थात् सवा ग्राम) सुवर्ण दान का फल प्राप्त होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्णजन्म खंडः 103.62-63)
🔹अपने घर से दक्षिण की ओर तुलसी-वृक्ष का रोपण नहीं करना चाहिए, अन्यथा यम-यातना भोगनी पड़ती है । (भविष्य पुराण)
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