गुरुग्राम व मानेसर निगम में भाजपा प्रत्याशियों के खेल बिगाड रहे निर्दलीय प्रत्याशी
सत्य ख़बर,गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम में निगम चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है, शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। लेकिन गुरुग्राम के दोनों नगर निगम चुनाव में भाजपा द्वारा बनाए गए उम्मीदवार का जमा जमाया खेल भाजपा पार्टी से ही टिकट के दावेदार रहे उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा के मेयर व पार्षद प्रत्याशियों की राह में रोडा बने हुए हैं।
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सत्य ख़बर,गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम में निगम चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है, शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। लेकिन गुरुग्राम के दोनों नगर निगम चुनाव में भाजपा द्वारा बनाए गए उम्मीदवार का जमा जमाया खेल भाजपा पार्टी से ही टिकट के दावेदार रहे उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़कर भाजपा के मेयर व पार्षद प्रत्याशियों की राह में रोडा बने हुए हैं।
बात मानेसर निगम चुनाव की जाए तो भाजपा प्रत्याशी सुंदरलाल की राह आसान नहीं है, क्योंकि उनको कड़ी टक्कर डॉक्टर इंद्रजीत दे रही है, वहां का चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। जहां भाजपा पार्टी के केंद्रीय और राज्य स्तर के नेता इसे जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं, वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी चुनाव से दुरी बना रखी है, जिसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है।
गुरुग्राम सांसद इस चुनाव में सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। इसका सीधा असर मानेसर और गुरुग्राम नगर निगम के चुनावी समीकरणों पर पड़ सकता हैं। सूत्रों की मानें तो राव भाजपा के टिकट वितरण से नाखुश है, क्योंकि उनकी सिफारिशों को दरकिनार कर पार्टी ने अन्य नेताओं की पसंद के प्रत्याशियों को टिकट दी है।
मानेसर में भाजपा प्रत्याशी से राव समर्थक दूर मानेसर नगर निगम चुनाव में भाजपा ने सुंदर सरपंच को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है, जो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी माने जाते हैं। पार्टी के ये दोनों वरिष्ठ नेता मानेसर में लगातार जनसभाएं कर रहे है और मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं राव समर्थक भाजपा उम्मीदवार से दूरी बनाए हुए है। विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, राव ने पहले डॉ. इंद्रजीत यादव को भाजपा प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की थी, लेकिन पार्टी ने उनकी इस सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया। इससे राव नाराज बताए जा रहे हैं। अब उनके समर्थकों के निर्दलीय प्रत्याशी को अंदरखाने समर्थन देने की चर्चा जोर पर है।
राजनीति में यह आम बात है कि जब किसी बड़े नेता की सिफारिशों को दरकिनार कर दिया जाता है, तो वह खुद को चुनावी प्रक्रिया से अलग कर लेता है। मानेसर नगर निगम चुनाव में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है।
गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में भी भाजपा सांसद का कोई खास योगदान नजर नहीं आ रहा है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व तक यह जानकारी पहुंच रही है कि वे प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार नहीं कर रहे हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मंत्री राव नरबीर सिंह, मोहनलाल बडौली और अन्य बड़े भाजपा नेता गुरुग्राम व मानेसर में ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं। पार्टी की पूरी कोशिश है कि किसी भी तरह भाजपा के प्रत्याशियों को जिताया जाए, लेकिन सांसद का चुनाव से दूरी बनाए रखना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। गुरुग्राम व मानेसर में मेयर का ताज किसके सर बंधेगा यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा,लेकिन भाजपा मेयर व पार्षदों की हालत अच्छी नहीं है।